नई दिल्ली : भारत के अगले चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े पदभार संभालने वाले है। वह 18 नवंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एस. ए. बोबड़े को देश का नया चीफ जस्टिस बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जानकारी के लिए बता दें कि 17 नवंबर को वर्तमान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर होने जा रहे हैं। नियम के मुताबिक CJI रंजन गोगोई ने जस्टिस एस.ए. बोबड़े को देश का अगला चीफ जस्टिस बनाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया था। जिसे अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पारित कर दिया है।
अयोध्या भूमि विवाद की कर रहे सुनवाई
आपको बता दें कि एस.ए. बोबड़े उस संविधान पीठ में शामिल हैं जो अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई कर रही है। उनके अलावा इस संवैधानिक पीठ में मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस नजीर और जस्टिस चंद्रचूड़ शामिल हैं। अयोध्या मामले में पीठ से सुनवाई पूरी कर ली है, अब बस फैसला सुनाया जाना बाकी है।
जानें जस्टिस बोबड़े के जीवन से जुड़ी कुछ बातें
24 अप्रैल,1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में जन्में बोबड़े ने नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए और एल.एल.बी की डिग्री हासिल की है। इसके बाद सन् 1978 में उन्होंने काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ज्वाइन किया। बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस की फिर 1998 में वह वरिष्ठ वकील बने गए। जस्टिस बोबड़े ने वर्ष 2000 में एडिशनल जज के तौर पर पदभार संभाला था। इसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बना दिया गया।
कई एतिहासिक फैसलों में रहे शामिल
एस. के बोबड़े ने देश में लिए गए कई अहम फैसलों का हिस्सा रहें हैं। जिनमें से आधार कार्ड और दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध शामिल हैं। आधार कार्ड मामले में उनके साथ पीठ में जस्टिस नागप्प और जस्टिस चेलमेश्वर भी शामिल थे।