इंडिया रिपोर्टर लाइव
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद पिछले लंबे वक्त से सुर्खियों में लगातार छाए हुए है। सोनू सूद जहां एक तरफ लोगों के मसीहा बने हैं वहीं उनपर लगातार अवैध निर्माण को लेकर कई आरोप भी लग रहे है। दरअसल सोनू सूद के ऊपर मुंबई के जुहू स्थित आवास पर अवैध निर्माण कराने का आरोप लगा है। जिसके लिए बीएमसी ने उन्हें नोटिस भेजा था। बीएमसी के इस नोटिस को सोनू ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद अभिनेता ने अब उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
बता दें – सोनू सूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था, बॉल अब बृहन्मुंबई महानगरपालिका के पाले में है। बीएमसी ही इस मामले में फैसला करेगी। सोनू सूद ने बीएमसी के आदेश से अलग कोर्ट से कम से कम 10 हफ्ते का समय मांगा था। इस पर हाईकोर्ट ने कहा, आप बहुत लेट हो गए हैं। आपके पास इन सबके लिए पर्याप्त समय था। कानून भी उनकी मदद करता है जो मेहनती होते हैं।
बीएमसी के अनुसार सोनू ने छह मंजिला आवासीय इमारत ‘शक्ति सागर’ में संरचनात्मक बदलाव किए हैं और आवश्यक अनुमति के बिना उसे एक होटल में बदल दिया है।
बीएमसी ने इस महीने के शुरू में जुहू पुलिस थाने में एक शिकायत भी दर्ज की थी जिसमें बिना अनुमति के आवासीय इमारत को एक होटल में कथित तौर पर बदलने के लिए सूद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया था।
बीएमसी ने इमारत का निरीक्षण किया था और पाया था कि सूद ने नियमों का कथित तौर पर पालन नहीं किया और पिछले साल अक्टूबर में उन्हें नोटिस दिए जाने के बाद भी अवैध निर्माण जारी था। इसके बाद पुलिस को शिकायत पत्र भेजा गया था। पुलिस ने अभी मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।