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नई दिल्ली 18 मार्च 2021। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में बहुप्रतीक्षित वाहन परिमार्जन नीति (स्क्रैपिंग पॉलिसी) की घोषणा की है। इस पॉलिसी के तहत पर्सनल व्हीकल्स को 20 साल के बाद और कमर्शियल व्हीकल्स को 15 साल के बाद फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि सभी वाहन निर्माताओं को एक एडवाइजरी जारी की गई है कि नए वाहन बेचते समय स्क्रैपे पॉलिसी के सर्टिफिकेट देने वाले वाहन मालिकों को 5 प्रतिशत की छूट दी जाए।
नितिन गडकरी ने नई स्क्रैपिंग पॉलिसी से होने वाले फायदों के बारे में बताते हुए कहा कि, “इस नई नीति के दौरान रीसाइक्लिंग से ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए कंपोनेंट्स की लागत कम होगी इसके साथ ही नए वाहनों को खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में भी ग्राहकों को छूट मिलेगा। इससे ऑटो सेक्टर में वाहनों की बिक्री में बढ़ोत्तरी होगी।”
क्या है नई स्क्रैपिंग पॉलिसी:
- इस नई नीति में यह प्रस्तावित है कि 15 साल से पुराने कोई भी व्यावसायिक वाहन यदि फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त करने में विफल होते हैं तो उनका पंजीकरण (डी-रजिस्टर्ड) रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा वाणिज्यिक वाहनों के लिए प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 15 साल बाद फिटनेस प्रमाणपत्र और फिटनेस टेस्ट के लिए बढ़ी हुई फीस लागू हो सकती है।
- यह प्रस्तावित किया जाता है कि 20 साल से ज्यादा पुराने निजी वाहन यदि फिटनेस टेस्ट में अनफिट पाए जाते हैं और प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर पाते हैं तो उनका पंजीकरण (डी-रजिस्टर्ड) रद्द कर दिया जाएगा। निजी वाहनों पर पंजीकरण के लिए शुरुआती पंजीकरण की तारीख से 15 साल बाद बढ़ी हुई पुनः पंजीकरण शुल्क लागू होगी।
- यह प्रस्तावित किया जा रहा है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगर निगम, पंचायतों, राज्य परिवहन उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और केंद्र और राज्य सरकारों के साथ स्वायत्त निकायों के ऐसे सभी वाहन जो कि 15 साल से ज्यादा पुराने हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करते हुए स्क्रैप में भेजा जा सकता है।
- बता दें कि, पुराने वाहनों को प्रदूषण का मुख्य कारण माना जाता रहा है और इनसे छुटकारा पाने के लिए लंबे समय से लंबित स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति, जो वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित की गई थी। इस पर सरकार 2016 से काम कर रही थी। प्रदूषण और सड़क की भीड़ को कम करने के प्रयास में पुराने, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने की नीति को कैबिनेट सचिवालय को फरवरी 2020 में अपनी मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखने के लिए भेजा गया था।
- केंद्रीय मंत्री ने एक अनुमान के तौर पर कहा कि, “इस नीति में 51 लाख हल्के मोटर वाहन (LMV) शामिल हैं जो 20 साल से अधिक पुराने हैं, जबकि अन्य 34 लाख लाइट मोटर व्हीकल (LMV) ऐसे हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। यह नीति 17 लाख मिडियम और भारी मोटर वाहनों को भी कवर करेगा, जो 15 साल से ऊपर के हैं और वर्तमान में बिना वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के चल रहे हैं।”
भारी निवेश और नई नौकरी का दावा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कहा कि “नई परिमार्जन नीति से न केवल प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा बल्कि लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नया निवेश होगा, और तकरीबन 50,000 से अधिक नई नौकरियां सृजित होंगी।” ये योजना पुराने वाहन मालिकों को इस नीति के तहत अपने वाहनों को स्क्रैप में भेजने के लिए प्रोत्साहन राशि के साथ ही स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट भी प्रदान करेगी।
मिलेगी प्रोत्साहन राशि
इस नई नीति के तहत पुराने वाहनों को स्क्रैप में देने के लिए पुराने वाहन के एक्सशोरूम की कीमत का लगभग 4% से 6% बतौर प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकारों को सलाह दी जा सकती है कि वे निजी वाहनों के लिए 25% तक और व्यावसायिक वाहनों के लिए 15% तक की रोड टैक्स में छूट की पेशकश करें। वाहन निर्माताओं को यह भी सलाह दी जाती है कि वे स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के बदले नए वाहन खरीदने पर 5% की छूट प्रदान करें। पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट देने पर नए वाहन खरीदते समय पंजीकरण शुल्क भी माफ किया जा सकता है।
नितिन गडकरी ने कहा कि, “सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पूरे भारत में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग फेसिलिटी (RVSF) की स्थापना को बढ़ावा देगा और इस तरह के केंद्र खोलने के लिए सार्वजनिक और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। इसके लिए इंटिग्रेटेड स्क्रैपिंग फेसिलिटी बनाने की तैयारी की जा रही है। गुजरात के अलंग जैसे कुछ संभावित जगहों को चिन्हित किया गया है जहां पर वाहनों के स्क्रैपिंग के लिए स्पेशलाइज्ड सेंटर बनाए जाएंगे। इन सेंटर्स पर एडवांस स्क्रैपिंग तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।”
केंद्रीय मंत्री गडकरी के कहा कि, “सिंगल विंडो के माध्मय से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इसके अलावा इस सेंटर्स पर पर्यावरण, प्रदूषण मानदंडों और कानून को ध्यान में रखते हुए सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी स्क्रैपिंग केंद्रों में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा, हवा, पानी और ध्वनि प्रदूषण के लिए डी-पॉल्यूशन उपकरण और अपशिष्ट पदार्थों (कबाड़) प्रबंधन और निपटान के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हों।”
इस पॉलिसी में यह भी कहा गया कि केंद्र, राज्य सरकार, प्राइवेट सेक्टर और ऑटोमोबाइल कंपनियों की मदद से सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल पर ऑटोमेटेड व्हीकल फिटनेस केंद्रों की स्थापना को बढ़ावा देगा।” इन केंद्रों में टेस्ट-लेन, आईटी सर्वर, पार्किंग और वाहनों की मुफ्त आवाजाही के लिए पर्याप्त जगह होगी। किसी भी तरह के टकराव की स्थिति से बचने के लिए, फिटनेस सेंटर के संचालक केवल परीक्षण सुविधा प्रदान करेंगे और अतिरिक्त सेवाओं जैसे की मरम्मत / बिक्री इत्यादि उनके द्वारा नहीं किया जाएगा। इन फिटनेस सेंटर में ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट बुक की जा सेकगी साथ ही और टेस्ट रिपोर्ट भी ऑनलाइन ही प्राप्त किया जा सकेगा।