
इंडिया रिपोर्टर लाइव
मुंबई 6 अप्रैल 2021। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन से भरी स्कॉपियो मिलने के मामले में हटाए गए मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के महाराष्ट्र के गृह मंत्री पर लगाए गए धन उगाही के आरोपों के बाद से राजनीतिक उठापटक जारी है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की वजह से सत्ताधारी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) खासतौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी ) को सोमवार को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। अनिल देशमुख के इस्तीफे को महाविकास अघाड़ी में फूट के तौर पर देखा जा रहा है, ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार अपने पांच साल पूर कर पाएगी। यहां पढ़ें पूरा मामला…
दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई से जांच कराए जाने का आदेश दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि देशमुख के गृहमंत्री रहते हुए मुंबई पुलिस अपने मुखिया के खिलाफ आरोपों की जांच कैसे कर पाएगी। इसके बाद से एक ओर एनसीपी देशमुख को कैबिनेट से हटाना नहीं चाहती थी, तो वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ने देशमुख के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए। सरकार में तीसरी पार्टी कांग्रेस अब तक नाराज है कि पूरे प्रकरण में उससे कोई सलाह-मशविरा तक नहीं किया गया। देशमुख मामले में तालमेल की कमी से सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार पांच साल तक अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी या फिर देशमुख का इस्तीफा इस गठबंधन में फूट की शुरुआत है।
जांच की घोषणा के बाद से लग रहीं थीं इस्तीफे की अटकलें
उद्धव सरकार ने देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच रिटायर्ड जज से कराने की घोषणा की थी, तभी यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि अब देशमुख से इस्तीफा मांगा जाएगा, यह निष्प्क्ष जांच के लिए जरूरी था। साथ ही लोगों के बीच यह संदेश भी जाएगा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर गंभीर है।
देशमुख पर कार्रवाई के पक्ष में नहीं थी एनसीपी
पार्टी नेताओं के मुताबिक, एनसीपी का शीर्ष नेतृत्व देशमुख के खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई नहीं चाहता था। हालांकि, इस बात को लेकर सहमति थी कि बाद में देशमुख को गृह मंत्रालय से किसी और विभाग में भेज दिया जाएगा, लेकिन इस बीच हाईकोर्ट के आदेश ने एनसीपी को मजबूर कर दिया कि वह देशमुख का इस्तीफा ले। ऐसे में इस्तीफा लेने में पार्टी की ओर से हुई देरी ने एनसीपी भद्द पीट दी।
गठबंधन में शामिल कांग्रेस भी नाराज
महाविकास अघाड़ी में सहयोगी कांग्रेस भी राजनीतिक घमासान और खुद को तवज्जो नही मिलने से नाराज है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने पूरे घटनाक्रम पर कहा कि यह तीन पार्टियों वाली सरकार है। जो भी होता है, सभी सहयोगियों को उसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। वाजे-देशमुख विवाद को एनसीपी का मामला माना जा रहा है। एनसीपी ने सीएम से विचार-विमर्श किया क्योंकि उन्हें करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हमारी राय जानने की जहमत नहीं उठाई। अगर यह एक राजनीतिक लड़ाई है, तो तीनों पार्टियों को साथ मिलकर लड़ना होगा। देशमुख के इस्तीफे से एमवीए की समस्याएं खत्म होना मुश्किल है बल्कि ये और बढ़ेंगी।