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नई दिल्ली 14 अप्रैल 2023। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में ‘अंबेडकर जयंती’ के अवसर पर संसद भवन के लॉन में डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने भी माला पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. लॉन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व अन्य नेता भी शामिल हुए. पीएम मोदी ने ट्विटर पर एक खूबसूरत वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘समाज के वंचित और शोषित वर्ग के सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. जय भीम!’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दलित आइकन और संविधान के जनक डॉ. बीआर अंबेडकर की 132वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि दी. मुर्मू ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं संविधान के निर्माता, बाबासाहेब भीमराव रामजी अंबेडकर की जयंती के अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं.’ ज्ञान के प्रतीक और विलक्षण प्रतिभा के धनी डॉ. अम्बेडकर ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी, एक शिक्षाविद्, कानूनी विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में निरंतर संघर्ष किया और ज्ञान की अलख जगाई. समाज के वंचित समुदाओं को मुख्य धारा में लाने के लिए उनका मूल मंत्र- ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ हमेशा उपयोगी रहेगा. उन्होंने कहा, ‘आइए इस अवसर पर, हम डॉ. अंबेडकर के आदर्शों और जीवन मूल्यों को अपनाने का संकल्प लें और एक समतामूलक और समृद्ध राष्ट्र और समाज बनाने के लिए आगे बढ़ते रहें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस अवसर पर बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘देश के अंतिम व्यक्ति तक न्याय व अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले संविधान के शिल्पी बाबासाहब अंबेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन. सभी सुख व सुविधाओं को त्याग उन्होंने वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया. उनके आदर्श व विचार निरंतर हमारा पथ प्रदर्शित करते रहेंगे।
इस मौके पर लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने डॉक्टर भीम राव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. मायावती ने ट्विटर पर लिखा, ‘अति-मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान देकर आधुनिक भारत की मजबूत नींव रखने वाले परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को आज उनकी जयंती पर शत-शत नमन व अपार श्रद्धा सुमन अर्पित. उनका जीवन संघर्ष करोड़ों गरीबों, मजदूरों, वंचितों व अन्य मेहनतकशों के लिए आज भी उम्मीद की किरण हैं।
14 अप्रैल, 1891 को जन्मे, अंबेडकर एक भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्होंने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया और महिलाओं और श्रमिकों के अधिकारों का समर्थन किया. 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया. 1990 में, अंबेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।