इंडिया रिपोर्टर लाइव
पटना 17 नवंबर 2020। बिहार की राजनीति में नया इतिहास रचते हुए नीतीश कुमार ने दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में तय हुआ है कि 23 से 27 नवंबर तक विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा। नई सरकार के कैबिनेट की मंगलवार को पहली बैठक हुई, जिसमें मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। विभागों का बंटवारा पहले की ही तरह बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच बांटा गया है।
23 से 27 नवंबर तक विधानसभा सत्र
17 वीं बिहार विधानसभा के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक आज संपन्न हुई। इस बैठक में दो एजेंटों पर मुहर लगी है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र 23 नवंबर से 27 नवंबर तक बुलाने की पर सहमति जताई गई है तो वहीं राज्यपाल के अभिभाषण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है। 26 नवंबर से विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होगी और 26 नवंबर को ही राज्यपाल का अभिभाषण भी होगा। नीतीश कैबिनेट की इस बैठक में नई सरकार के लिए मंत्री के पोर्टफोलियो भी तय किये गए है। मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में तमाम विभाग जो जेडीयू के पास थे वह जेडीयू के पास ही है और बीजेपी के पास जो पोर्टफोलियो था वह उन्हीं दिए गए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के पास जो विभाग थे वह विभाग अब 17वीं विधानसभा में नीतीश सरकार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद को दे दिए गए हैं।
69 वर्षीय नीतीश कुमार के साथ बीजेपी विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद, एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ग्रहण की। दोनों को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। राजद के नेतृत्व वाले पांच दलों के विपक्षी महागठबंधन ने समारोह का बहिष्कार किया। नीतीश के शपथ ग्रहण के साथ एक ऐसे कार्यकाल की शुरुआत हुई है जिसमें जदयू पहले से कमजोर हुई है और बीजेपी पहली बार अपनी क्षेत्रीय सहयोगी पार्टी से मजबूत बनकर उभरी है।
बिहार विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें मिलीं हैं जिसमें नीतीश कुमार की जदयू को 43 जबकि बीजेपी को जेडीयू से 31 सीट अधिक (74 सीट) हासिल हुईं। नीतीश कैबिनेट का इस बार का स्वरूप बदला नजर आ रहा है। इसमें बीजेपी से अधिक मंत्रियों ने शपथ ली और दो उपमुख्यमंत्री बनाये गए। नीतीश कुमार के साथ बीजेपी के सात मंत्रियों, जदयू से पांच मंत्रियों और ‘हम’ पार्टी तथा वीआईपी पार्टी से एक-एक मंत्री ने शपथ ली। नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाले श्रीकृष्ण सिंह के रेकार्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं, जिन्होंने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थीं।
नीतीश कुमार ने सबसे पहले 2000 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण उनकी सरकार सप्ताह भर चली और उन्हें केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री के रूप में वापसी करनी पड़ी थी। पांच साल बाद वह जदयू – भाजपा गठबंधन की शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटे और 2010 में गठबंधन के भारी जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री का सेहरा एक बार फिर से नीतीश कुमार के सिर पर बांधा गया। मई 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू की पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया लेकिन जीतन राम मांझी के बगावती तेवरों के कारण उन्हें फरवरी 2015 में फिर से कमान संभालनी पड़ी। भाजपा कोटे से सात विधायकों और जनता दल (यू) कोटे से पांच विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।
इसके अलावा ‘हम’ पार्टी से संतोष कुमार सुमन और वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस बार भाजपा से कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला जिसमें सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार शामिल हैं । नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शपथ लेने वालों में जदयू कोटे से विजय कुमार चौधरी का नाम प्रमुख है।
यहां जानें किस मंत्री को किस विभाग की जिम्मेदारी दी गई है-
नीतीश कुमार: गृह, विजिलेंस, सामान्य प्रशासन
मंगल पांडेय: स्वास्थ्य मंत्रालय और सड़क एंव परिवहन मंत्रालय
जीवेश मिश्रा: पर्यटन,श्रम और खान एवं भूतत्व
अशोक चौधरी: भवन निर्माण एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय
मेवालाल चौधरी: शिक्षा मंत्री
विजय कुमार चौधरी: ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, जल संसाधन, PRD, संसदीय कार्य
संतोष मांझी: लघु सिंचाई विभाग
तारकिशोर प्रसाद: सुशील मोदी जितने विभाग देख रहे थे वे सभी मंत्रालय जैसे वित्त, वाणिज्य एवं अन्य प्रमुख मंत्रालय
शीला कुमारी: परिवहन विभाग
रेणु देवी : पंचायती राज,ओबीसी,EBC और उद्योग
रामप्रीत पासवान: PHED
अमरेंद्र प्रताप सिंह: कृषि,सहकारिता और गन्ना उद्योग
बिजेंद्र प्रसाद यादव: ऊर्जा, फूड,प्लानिंग, एक्साइज
मुकेश सहनी: पशुपालन
रामसूरत राय: राजस्व एवं भूमि सुधार