सोमवार को संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) पेश किया जो लोकसभा से पास हो गया। इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े हैं। वहीं विपक्ष में मात्र 80 वोट पड़े हैं। कैब के समर्थन को लेकर जनता दल यूनाइटेड के अंदर से विरोध के सुर उठने लगे हैं। इस बिल का समर्थन किये जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सोमवार को निराशा जाहिर की है। प्रशांत ने कहा कि विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। देर रात लोकसभा में विधेयक पर मतदान होने के बाद जब वह पारित हो गया तब किशोर ने ट्वीट किया कि विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता।
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किशोर ने ट्वीट में लिखा, ‘‘जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।’’ विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में जदयू के नेता राजीव रंजन ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।