इंडिया रिपोर्टर लाइव
इस्लामाबाद 14 दिसंबर 2021। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। यहां तक कि अब इमरान सरकार ने राज्यों के विकास की परियोजनाओं के लिए फंडिंग भी रोकने का फैसला लिया है। साफ है कि सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा जैसे राज्यों की विकास परियोजनाओं के लिए इमरान सरकार की ओर से कोई फंडिंग नहीं की जाएगी। पाक सरकार की ओर से बनाए गए नेशनल डिवेलपमेंट फ्रेमवर्क के मुताबिक संघीय सरकार अब राज्य सरकारों की परियोजनाओं की फंडिंग नहीं करना चाहती है। इमरान सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार के पास आर्थिक संकट है और राज्यों को अपनी परियोजनाओं की पूरी फंडिंग खुद ही करनी चाहिए।
सोमवार को सेंट्रल डिवेलपमेंट वर्किंग पार्टी की विशेष मीटिंग के दौरान इस मुद्दे पर बात हुई। स्वास्थ्य एवं जनसंख्या से जुड़ी परियोजनाओं के अलावा अन्य प्रोजेक्ट्स की फंडिंग से 2017 से ही पाकिस्तान सरकार पीछे हट रही है। मीटिंग में मंत्रियों ने कहा कि प्रांतों की विकास परियोजनाओं के बोझ के चलते राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं लंबित हैं। उनके लिए बजट की कमी हो रही है और प्रोजेक्ट्स भी समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। मीटिंग में कहा गया कि संघीय सरकार पहले ही बजट में तय कर चुकी थी कि उसके लिए राज्यों के प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करना संभव नहीं हो पाएगा।
इमरान खान सरकार ने साफ कर दिया है कि वह हेल्थ और सोशल सेक्टर के जरूरी प्रोजेक्ट्स को ही आगे बढ़ाएगी। किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण, विस्थापन, टैक्स की व्यवस्था और प्रोजेक्ट की लागत राज्यों को ही उठानी होगी। गौरतलब है कि इमरान खान सरकार कई बार आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कह चुकी है। यही नहीं फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया है। इसके चलते विदेशी संस्थाओं एवं अन्य देशों से कर्ज लेने में भी पाकिस्तान को मुश्किलें आ रही हैं।