इंडिया रिपोर्टर लाइव
भोपाल 22 दिसम्बर 2021 । मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरा दिन की कार्यवाही जारी है. जहां बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. विधानसभा में आए सवाल के जवाब के बाद यह आरोप लगे है. वहीं, बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह से सवाल करते हुए सिरोंज जनपद पंचायत में हितग्राहियों को दी गई रकम की जानकारी मांगी थी. इस पर श्रम मंत्री ने जवाब में बताया एक साल में सिरोंज जनपद पंचायत में 5976 हितग्राहियों को 30 करोड़ 40 लाख की राशि दी गई.
वहीं, इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आपत्ति उठाई. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में एक साल के अंदर एक ही जिला पंचायत कैसे इतनी राशि दी गई. इसी दौरान जनपद पंचायत सीईओ को हटा कर दिए जाँच के निर्देश दिए है. कोरोना काल के दौरान कन्या विवाह योजना के तहत शादी कराने का मामला है. ऐसे में 1 साल में इतनी बड़ी राशि एक जनपद में खर्च होने को लेकर सवाल खड़े हो रहे विधायक उमाकांत शर्मा ने पूरे प्रदेश में जांच की मांग की है.
बीजेपी एमएलए ने विधानसभा में अपनी ही सरकार पर लगाया रिश्वतखोरी का आरोप
गौरतलब है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज पहली बार महिला विधायको को प्रश्न पूछने का मौका दिया जा रहा है. वहीं, बीजेपी विधायक उमाकांत भार्गव ने आज विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरा रिश्वतखोरी चलने का आरोप लगाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मप्र में बीते 5 सालों में कितना चावल और गेंहू खराब हुआ सरकार को नहीं पता. वहीं, गरीबों को बांटे गए खराब चावल के मामले में क्या कार्रवाई की गई. ये भी खाद्य मंत्री को नहीं पता.
कमलनाथ ने कहा- शिवराज सरकार को डिपार्टमेंट ऑफ भ्रष्टाचार खोल लेना चाहिए
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अधिकारी आवाज उठाता है उसे पद से हटा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि हाल ही में उद्यानिकी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव को हटाने का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार में सिर्फ भ्रष्टाचार का बोलबाला है. उन्होंने बताया कि शिवराज सरकार को डिपार्टमेंट ऑफ भ्रष्टाचार खोल लेना चाहिए. वहीं, कमलनाथ ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सीनियर IAS अफसर कल्पना श्रीवास्तव ने उद्यानिकी विभाग में हुए प्याज बीज घोटाले को उजागर किया था, इसलिए उन्हें वहां से हटा कर मछली पालन विभाग में भेज दिया गया.