सामूहिक विनाश के हथियारों पर लगेगी रोक, राज्यसभा में बिल पास

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नई दिल्ली 02 अगस्त 2022। सामूहिक विनामश के हथियारों पर पूरी तरह रोक और इनके वित्तपोषण पर सजा के प्रावधान वाले विधेयक को संसद ने सोमवार को मंजूरी दे दी। राज्यसभा में सामूहिक विनाश के हथियार व उनकी वितरण प्रणाली संशोधन विधेयक, 2022 पारित कर दिया गया। लोकसभा में विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विधेयक को सदन में पेश करते हुए कहा कि संशोधन विधेयक के जरिये मौजूदा कानून में एक नई धारा 12ए जोड़ी जाएगी, जिसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी ऐसी गतिविधि को वित्तपोषित नहीं करेगा, सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी वितरण प्रणालियों के संबंध में लागू इस अधिनियम या संयुक्त राष्ट्र (सुरक्षा परिषद) अधिनियम, 1947 या किसी अन्य अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है। विपक्षी के हंगामे के बीच विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

अंटार्कटिका में लागू होंगे भारतीय कानून
भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2022 विधेयक को संसद ने सोमवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में अंटार्कटिका में बने भारतीय शोध केंद्रों पर भारतीय कानून लागू करने का प्रावधान है। राज्यसभा में पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक पेश किया। 22 जुलाई को इसे लोकसभा में पारित किया गया था। मंत्री ने बताया, इसके जरिये अंटार्कटिका में भारत के अनुसंधान स्टेशनों पर भारतीय कानून लागू होंगे।

राष्ट्रीय रेल, परिवहन विवि को केंद्रीय दर्जा मिलेगा, बिल पेश, गति शक्ति विश्वविद्यालय में बदला जाएगा
लोकसभा में सोमवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक पेश किया गया। इसके जरिये राष्ट्रीय रेल एव परिवहन विश्वविद्यालय को स्वायत्त केंद्रीय विश्वविद्यालय के तौर पर गति शक्ति विश्वविद्यालय में बदलने का प्रस्ताव रखा गया है। केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने  बताया कि यह विश्वविद्यालय पूरे परिवहन क्षेत्र के विकास और आधुनिकीकरण में मददगार होगा। प्रधान ने बताया, गति शक्ति विश्वविद्यालय को एक कॉरपोरेट निकाय के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, विवि स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहित करने व महंगी विदेशी तकनीक, उपकरणों और उत्पादों के आयात को कम करने के लिए नवीन तकनीकों का निर्माण करके बेहद जरूरी अनुसंधान और विकास करेगा। विश्वविद्यालय के भारत और विदेशों में शोध केंद्र होंगे। विश्वविद्यालय का नाम मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए सरकार के 100 लाख करोड़ रुपये के पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के नाम पर रखा है।

2014-20 के बीच 1000 फीसदी बढ़ा डीजल पर उत्पाद शुल्क
मई 2014 में केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से मई 2020 तक डीजल पर उत्पाद शुल्क में 1000 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 300 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। राज्यसभा में केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि 2014 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर व डीजल पर 3.56 रुपये  था। यह मई 2020 में क्रमशः 32.98 व 31.83 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया। उन्होंने बताया, सात साल में पेट्रोलियम राजस्व में 186 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। तेली ने बताया कि 2014-2016 में 10 बार उत्पाद शुल्क बढ़ा और कच्चे तेल के गिरते वैश्विक दामों से लाभ हासिल किया।  उन्होंने बताया, नवंबर 2021 व मई 2022 में उत्पाद शुल्क क्रमशः 13 व 16 रुपये घटाया गया है। जून 2022 में पेट्रोल व डीजल पर क्रमशः पांच व 12 रुपये प्रति लीटर शुल्क बढ़ाया गया। 

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