इंडिया रिपोर्टर लाइव
मेरठ 28 फरवरी 2021। उत्तर प्रदेश के मेरठ में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नए कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर रविवार को सीधा हमला किया। इस मौके पर केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही है, कीले ठोकी जा रही है। ऐसा तो अंग्रेजों ने हमारे किसानों पर इतने जुल्म नहीं किए थे, भाजपा ने तो अंग्रेज़ो को भी पीछे छोड़ दिया। अब ये हमारे किसानों पर झूठे मुकदमे कर रहे है।किसान हमारे देश के दुश्मन नहीं है। केजरीवाल ने कृषि कानूनों को डेथ वारंट करार दिया।
लाल किले पर BJP वालों ने खुद कराया बवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब अंग्रेज लगान वसूलने आते थे तो तब भी ऐसे जुल्म नहीं किए। तुमने तो अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया। लाल किले वाला कांड इन्होंने खुद कराया है। मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं। मेरे पास उत्तर प्रदेश के भी बहुत लोग आते हैं। पंजाब के लोग भी आते हैं। सबने कहा कि उस दिन सभी ने जानबूझकर रास्ता दिया। जानबूझकर उधर भेजा गया। जिन्होंने झंडे फहराए वे इनके खुद के कार्यकर्ता थे। हमारा किसान जान दे सकता है लेकिन देश को शर्मसार नहीं कर सकता।
आज भाजपा की केंद्र सरकार देशद्रोह के मुकदमे चला रही है। इतनी हिम्मत तो अंग्रेजों ने नहीं की थी। हमारे किसान को आतंकवादी बोलते हैं। मैं पूछना हूं कि क्या तुम आतंकवादी हो? ऐसे हजारों लाखों किसान हैं। एक किसान के दो बेटे हैं। एक बेटा देश के बॉर्डर पर मिलेगा तो दूसरा बेटा दिल्ली के बार्डर पर मिलेगा। एक किसान तो दूसरा जवान है। आज जब देश के बॉर्डर पर खड़ा जवान देखता है कि उसके भाई-पिता को आतंकवादी कहा जाता है तो उसके दिल पर क्या बीतती होगी?
अरविंद केजरीवाल के भाषण की प्रमुख बातें–
- ‘आज अपने देश का किसान बहुत ज्यादा पीड़ा में है। किसान भाई परिवार समेत 95 दिनों से कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर धरने पर बैठा है। 250 से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत हो चुकी है। लेकिन सरकार के सिर पर जूं नहीं रेंग रही है। 70 साल में इस देश ने हर एक पार्टी को सरकार बनाने का मौका दिया। लेकिन सभी पार्टियों ने धोखा दिया। किसान 70 सालों से क्या मांग रहा है? कह रहा है कि मेरी फसल का दाम दे दो। 70 साल हो गए यह मांगते-मांगते। हर एक पार्टी के घोषणा पत्र में यही होता है कि हम फसलों का सही दाम देंगे। लेकिन एक भी पार्टी ने नहीं दिया। यदि एक भी पार्टी ने दाम दे दिए होते तो किसान को आत्महत्या नहीं करना पड़ता।’
- ‘चुनाव से पहले पार्टियां कहती हैं वोट दे दो लोन माफ कर दूंगा। लेकिन चुनाव जीतने के बाद कह देते हैं कि पैसा नहीं है। पिछले 25 साल में साढ़े 3 लाख लोग किसान आत्महत्या कर चुके है। नौकरी देने का वादा किया जाता है। लेकिन किसी को नहीं दिया गया। अब किसान दिल्ली के बॉर्डर पर शहादत क्यों दे रहे है? क्योंकि उनकी जिंदगी-मौत पर आ गयी है। सब की खेती पूंजीपति के हाथ में चली जाएगी और किसान अपने खेत में मजदूर बन जाएगा। इसलिए किसान अपनी खेती की लड़ाई के लिए लड़ रहा है। अपनी शरीर गला रहा है।’
- ‘भाजपा ने 2014 के घोषणापत्र में कहा था कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे। किसानों ने इन्हें जमकर वोट दिया। 3 साल बाद भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविट में लिखा कि वो MSP नहीं देंगे। इन्होंने किसानों की पीठ में छुरा मार दिया। आज में लाना भूल गया नहीं तो दिखा देता।’
- ‘मुझे याद है जब पंजाब के किसान चले थे। हरियाणा बॉर्डर क्रास कर रहे थे तो उन पर वाटर कैनन की बौछारें मारी गई। सोचा गया था कि इन्हें रोको। लेकिन जब नहीं रुके तो सोचा गया कि जेल में डाल देंगे। केंद्र सरकार ने मेरे पास एक फाइल भेजी। जिसमें दिल्ली के 9 बड़े स्टेडियम को जेल बनाने के लिए कहा गया था। मैं बता दूं कि जेल बनाने की पावर मेरे पास है। उसके बाद फोन पर फोन, फिर धमकी आई। लेकिन मैंने फाइल क्लीयर नहीं की। जेल नहीं बनाने दी। उस टाइम अगर हम ये जेल बन जाते तो सबको जेल भेज देते और किसान वहीं पड़े रहते। जब मैं अन्ना आंदोलन से जुड़ा तो कांग्रेस ने भी इन स्टेडियम को जेल बनाया गया था। तब मैं कई कई दिन इन स्टेडियम में रहा था।’
- ‘जब से किसान बॉर्डर पर आकर बैठे हैं उनकी तब से हम तन-मन-धन से मदद कर रहे हैं। हमारे सारे कार्यकर्ता, अफसर, विधायक को लगा रखा है। ऐसे नहीं कि हम ही सबकुछ कर रहे हैं। लेकिन पानी, टॉयलेट आदि की व्यवस्था हम कर रहे हैं। 28 जनवरी की रात को जो कुछ हमने टीवी पर देखा तो मुझे यकीन नहीं हुआ। हमारे देश के महान किसान नेता बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के सुपुत्र राकेश सिंह टिकैत जाने कितने दिनों से वे गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के लिए शरीर गला रहे थे सरकार ने अपने पुलिस व गुंडे भेजकर जो व्यवहार किया। उनकी आंखों से आंसू आ गए। यह नहीं देखा गया मुझसे। संजय सिंह पहुंचे और मेरी उनसे बात कराई। मैंने उनसे कहा कि आप बताइए क्या चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी, टॉयलेट का इंतजाम करा दो। इसके बाद हमारे विधायकों ने एक दिन में सारा इंतजाम कर दिया। कहा कि हिम्मत मत हारो, देश का किसान आपके साथ है।’
- ‘केंद्र सरकार के मंत्री घूम कर कह रहे है कि MSP था, MSP है, MSP रहेगा। मैं योगी जी से पूछना चाहता हूँ कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की एक मंडी दिखा दो जहां MSP पर धान उठती हो। मैं योगी से पूछना चाहता हूं कि आपकी क्या मजबूरी है जो पूरी सरकार चीनी मिल मालिकों के आगे घुटने टेक कर बैठी है। अगर तुम किसानों को चीनी मिल मालिकों से उनके पैसे नहीं दिला सकते तो तुम्हारी सरकार पर धिक्कार है।’
- ‘BJP वाले कहते हैं कि MSP पर 17 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा। मैं पढ़ा लिखा हूं मैं एक फॉर्मूला रखता हूं यदि केंद्र सरकार सुनना चाहे तो सुन ले। देश की 23 फसलों को MSP पर सरकार उठा सकती है। सरकार का एक भी पैसा खर्च नहीं होगा। किसान यह रुपए फ्री नहीं मांग रहा है वह बदले में अपनी फसल देगा। केंद्र सरकार उस फसल को मार्केट में बेचेगी तो उसका पैसा आएगा। किसी साल एक करोड़ का मुनाफा तो किसी साल घाटा भी होगा। कुछ सालों बाद यह बराबर हो जाएगा। लेकिन फिर भी यदि लाख डेढ़ लाख करोड़ का घाटा हो भी जाए तो किसानों की खुशहाली के लिए खर्च हो भी गए तो ठीक हैं न। पिछले कुछ सालों में सरकार ने अपने पूंजीपति दोस्तों का 8 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिए। तो क्या किसानों के लिए कुछ करोड़ का घाटा नहीं सह सकते।’