हाइलाइट्स
- कोरोना के डर से 50 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
- कहा- परिवार तक न पहुंचे संक्रमण, इसलिए दिया इस्तीफा
- संविदा पर तीन महीने के लिए हुई थी इनकी नियुक्ति
इंडिया रिपोर्टर लाइव
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में एक साथ 50 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि कोरोना की वजह से पहले इन सभी लोगों ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि राज्य में एस्मा लागू है, इसे लागू होने के बाद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग ड्यूटी से पीछे नहीं हट सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि इनलोगों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। कोरोना के कारण ग्वालियर के गजराजा मेडिकल कॉलेज में तीन महीने के लिए 92 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई थी। ये सभी 92 लोग जीआर मेडिकल कॉलेज से पासआउट थे। इनकी नियुक्ति अलग-अलग विभागों में अस्थाई रूप से की गई थी। प्रदेश को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गजराजा मेडिकल सहित प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस इंटर्न करने वालों को अस्थाई रूप से नियुक्ति का आदेश दिए थे।
एस्मा से पहले दिया इस्तीफा
जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों को तीन महीने की नियुक्ति दी गई थी। ये सभी लोग एमबीबीएस हैं। वहीं, जब उनसे एस्मा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने प्रदेश में एस्मा लागू होने से पहले ही इस्तीफा भेज दिया था।
92 ने किया था ज्वाइन
गजराजा मेडिकल कॉलेज में 114 लोगों की संविदा पर नियुक्ति हुई थी, जिसमें 92 लोग ही ज्वाइन किए। संविदा पर नियुक्त इन डॉक्टरों की ड्यूटी सुपर स्पेशलिटी और आइसोलेशन वार्ड में लगाई गई थी। 50 इस्तीफा देकर चले गए हैं। संविदा पर नियुक्त 42 डॉक्टर ही यहां बचे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ड्यूटी से हटे
वहीं, एक स्थानीय अखबार से बात करते हुए इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों ने कहा कि पहले उनलोगों ने कोरोना ड्यूटी के लिए स्वीकृति दी थी। बाद में आदेश आया कि जिनकी मर्जी हैं, वो कोरोना ड्यूटी करें या फिर अलग हो जाएं। इसके बाद हमलोगों ने इस्तीफा दे दिया। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि हम यहां के लोकर हैं, अगर कोरोना संक्रमितों का इलाज करेंगे तो इसका असर हमारे परिवार पर पड़ेगा।