इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 18 मई 2023। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से लगभग एक महीने पहले भारत और अमेरिका ने बुधवार को अपनी ‘प्रमुख रक्षा साझेदारी’ को शुरू करने और सैन्य मंचों के सह-विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक बातचीत की। वाशिंगटन में आयोजित भारत-अमेरिका रक्षा नीति समूह (डीपीजी) की 17वीं बैठक में रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी को साझा करने और संयुक्त दीर्घकालिक अनुसंधान पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों पक्षों ने वाशिंगटन में आयोजित भारत-अमेरिकी डीपीजी की 17वीं बैठक में ‘प्रमुख रक्षा साझेदारी’ को शुरू करने और आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा में सुधार के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया। डीपीजी भारत के रक्षा मंत्रालय और अमेरिकी रक्षा विभाग के बीच शीर्ष अधिकारी स्तर का तंत्र है। यह नीति पर ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा और मार्गदर्शन करता है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, दोनों देशों ने रक्षा औद्योगिक सहयोग को आगे बढ़ाने और भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी को शुरू करने को लेकर हुई प्रगति की समीक्षा की। जून 2016 में, अमेरिका ने भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार नामित किया, जिससे महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी को साझा करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
संभावित क्षेत्रों और परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर हुई चर्चा
रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और नीति के लिए अमेरिकी अवर सचिव कॉलिन कहल ने डीपीजी बैठक की सह-अध्यक्षता की। मंत्रालय ने एक बयान में वार्ता को “सौहार्दपूर्ण और उत्पादक” बताया। सैन्य से सैन्य सहयोग, मूलभूत रक्षा समझौतों के कार्यान्वयन, अभ्यास और हिंद महासागर क्षेत्र में चल रही और भविष्य की सहकारी गतिविधियों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक में संभावित क्षेत्रों और परियोजनाओं सहित भारत में सह-विकास और सह-उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई, जहां भारतीय और अमेरिकी रक्षा कंपनियां एक साथ काम कर सकती हैं। दोनों पक्ष निजी और सरकारी दोनों हितधारकों को नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करने और रक्षा स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने पर सहमत हुए।