
इंडिया रिपोर्टर लाइव
पेइचिंग 11 सितम्बर 2023। नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। जो चाहा, वो मिला ! भारत ने जी- 20 में अपने वैश्विक संबंधों को और मजबूत तो किया ही, चीन को कूटनीति का आईना दिखाया। दरअसल, अमरीका, भारत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) के नेताओं ने एक संयुक्त बुनियादी ढांचा समझौते की घोषणा कर दी है। यह समझौता खाड़ी और अरब देशों को जोड़ने वाले रेलवे का एक नैटवर्क स्थापित करेगा। शनिवार को शिखर सम्मेलन के पहले दिन भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (आई.एम.ई.सी.) की घोषणा हो गई। भारत की इस अभूतपूर्व सफलता पर चीन को मिर्ची लगी है। उसने इस समझौते पर जमकर भड़ास निकाली है।
फल नहीं देने वाली।’ग्लोबल टाइम्स’ लिखता है कि अमरीका भारत में शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी मध्य पूर्व रेलवे योजना को आगे बढ़ा रहा है। यह पहली बार नहीं है जब अमरीका ने अन्य देशों के साथ इस तरह की योजना शुरू की हो, पहले भी ऐसी योजनाएं शुरू की गई लेकिन मध्य पूर्व में चीन को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है।
इतिहास की ‘सबसे बड़ी सहयोग परियोजना’ : नेतन्याहू
यरूशलम (ए.एन.आई.): इसराईल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत-मध्य पूर्व- यूरोप आर्थिक गलियारे (आई.एम.ई.सी.) की घोषणा को इसराईलियों के लिए ‘बड़ी खबर’ बताते हुए कहा कि यह हमारे इतिहास की सबसे बड़ी सहयोग परियोजना मध्य पूर्व व इसराईल का चेहरा बदल देगी। इससे पूरी दुनिया को फायदा होगा। नेतन्याहू ने कहा कि इसराईल एक अभूतपूर्व अंतर्राष्ट्रीय परियोजना के केंद्र में है जो एशिया से यूरोप तक बुनियादी ढांचे को जोड़ेगी।