इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 12 अक्टूबर 2023। खालिस्तानी अलगाववादी हरदाप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपों के बाद भारत द्वारा कनाडाई राजनयिक स्टाफ को वापस बुलाने के फैसले को कनाडा सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है।भारत के अल्टीमेटम के बावजूद नहीं कनाडा ने अभी तक अपना राजनयिक स्टाफ वापस नहीं बुलाया। कनाडा ने कहा है कि उसके 41 राजनयिकों को नई दिल्ली से शिफ्ट करने को लेकर कनाडा और भारत के बीच बातचीत जारी है। भारत के साथ राजनयिक जुड़ाव “निजी” बना हुआ है, भले ही नई दिल्ली के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने की 10 अक्टूबर की समय सीमा बीत चुकी है। CBC न्यूज के अनुसार, कनाडा को अपनी राजनयिक उपस्थिति दो-तिहाई कम करने के भारत के अल्टीमेटम के बावजूद, आधे या लगभग सभी कनाडाई राजनयिक भारत में रह रहे हैं।
कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने बुधवार सुबह ओटावा में इजरायली स्थिति को संबोधित करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मीडिया से कहा, “जब बातचीत निजी हो तो कूटनीति हमेशा बेहतर होती है।” उनसे पूछा गया था कि क्या भारत की समानता की मांग के बाद कनाडा ने भारत में राजनयिकों की संख्या कम कर दी है। इस बीच उन्होंने बताया कि “सभी या लगभग सभी कनाडाई राजनयिक भारत में हैं।” कनाडा सरकार के एक अनाम सूत्र ने कहा, “कनाडा भारत के साथ चर्चा कर रहा है और उसने भारत की मांग पूरी किए बिना समय सीमा बीतने दी है।
यह टिप्पणी जोली फाइनेंशियल टाइम्स की उस रिपोर्ट के मद्देनजर आई है जिसमें कहा गया है कि कनाडा और भारत अभी भी मौजूदा 62 में से 41 राजनयिकों को निष्कासित करने के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। कनाडाई मीडिया में पहले की रिपोर्टों से संकेत मिला था कि कुछ कनाडाई राजनयिकों ने भारत छोड़ दिया और उन्हें सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों में फिर से नियुक्त किया गया है। यह मांग कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को हाउस ऑफ कॉमन्स में दिए गए बयान के बाद उठी। ट्रूडो के बयान के बाद दोनों देशों के रिश्तों में दरार आ गई। ट्रूडो ने कहा था कि 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप निजहर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे।