इंडिया रिपोर्टर लाइव
दुर्ग 04 मई 2023। दुर्ग पुलिस ने स्मृति नगर में 60 लाख से अधिक की चोरी के मामले में दो बांग्लादेशी आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने भारतीय सीमा की सुरक्षा को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उनके मुताबिक वो बॉर्डर की तार काटकर सीमा पार करते हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल पहुंच कर महज 1500 रुपए में आधार कार्ड बनवाकर भारत की पहचान ले लेते हैं। फिर पूरे देश में घूम-घूमकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। दुर्ग पुलिस ने स्मृति नगर चोरी के मामले में मो. हसमत खलीफा (22 साल) निवासी होसाईपुर थाना राजौर जिला मदारीपुर बांग्लादेश और अलताफ हुसैन (35 साल) निवासी दक्षिण विद्यानंदी थाना राजौर जिला मदारीपुर बांग्लादेश को पश्चिम बंगाल के जिला बरईपुर से गिरफ्तार किया है। ये लोग पिछले 4 महीने से यहां दूसरी पहचान से रह रहे थे। आरोपी ने छत्तीसगढ़ के भिलाई में चोरी की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया है।
एसपी ने जब हसमत से पूछा कि वो बांग्लादेश से भारत कब आया था तो उसने बताया कि वो 4 महीने पहले बहली बार भारत आया। उसने बताया कि बांग्लादेश से भारत आने के लिए दलाल को प्रति व्यक्ति 5 हजार रुपए देना होता है। इसके बाद वो बॉर्डर की तार को काट देता है और ये लोग नीचे से निकलकर भारत बांग्लादेश सीमा को पार कर लेते हैं। यहां से ये लोग पश्चिम बंगाल पहुंचते हैं और 1500 रुपए में नई पहचान बनवा लेते हैं। इन आरोपियों ने भारत की अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
12 लोगों का है चोर गिरोह
आरोपी ने बताया कि उन लोगों का 12 लोगों का गिरोह है। वे पिछले 15 सालों से चोरी का काम करते आ रहे हैं। इनका मास्टर माइंड गोकुल निषाद है। वो हिंदी भी जानता है। उसी के इशारे पर ये लोग चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। ये लोग अब तक भारत के कई राज्यों में बड़ी-बड़ी चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। दुर्ग पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में भी जुटी है।
ताला तोड़ने का हथियार तकिए के नीचे रखकर सोता था आरोपी
दुर्ग पुलिस ने अलताफ हुसैन के पास से लोहे का बना एक विशेष हथियार भी जब्त किया है। इसका उपयोग वो घर का या अन्य बड़े से बड़ा ताला तोड़ने में करता था। पुलिस ने आरोपी के पास से फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट और नगद रुपए जब्त की है।
बिना वीजा परिवार लेकर रहते थे भारत में
आरोपी बॉर्डर के रास्ते परिवार भी लेकर भारत आ चुके हैं। ये लोग बिना वीजा के बंगाल में किराए का मकान लेकर अपने परिवार के साथ रहते थे। इतनी बड़ी सुरक्षा में चूक करने के बाद भी इनको बंगाल पुलिस पकड़ती नहीं यह समझ से परे है।
9 महीने माल्टा की जेल में काट चुका है सजा
मो. हसमत ने भारत में चोरी करके काफी पैसा इकट्ठा कर लिया था। इसके बाद वो यूरोप घूमने चला गया था। वहां लीबिया पुलिस ने उसे गैर कानूनी काम करते पकड़ लिया। इसके बाद आरोपी 9 महीने तक माल्टा की जेल में बंद रहा। उसके बाद वहां से छूटकर भारत आया और फिर से चोरी करने लगा।
हवाला के जरिए भेजते थे पैसा
आरोपियों ने बताया कि वो लोग हवाला के रास्ते बांग्लादेश अपने परिवार वालों तक पैसा भेजते थे। हवाला दलाल को भारतीय रुपए देते थे और वो 20 प्रतिशत कमीशन काटकर बाकी रकम उन्हें बांग्लादेशी करेंसी में उनके बताए पते पर पहुंचा देता था।