इंडिया रिपोर्टर लाइव
कोलकाता 17 दिसंबर 2023। सेना के पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने कहा है कि मणिपुर में युद्धरत समूहों के पास हथियारों की उपलब्धता और पड़ोसी देश म्यांमार में अस्थिरता का पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। कलिता ने कहा, सेना और असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस और वहां तैनात केंद्रीय अद्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) के साथ मिलकर राज्य में हिंसा को काफी हद तक नियंत्रित करने में सक्षम हुई है।
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच गत कई महीनों के तनाव एवं संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। सेना के पूर्वी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल कलिता शनिवार को 52वें विजय दिवस के अवसर पर यहां पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम में विजय स्मारक पर आयोजित पुष्पांजलि समारोह के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
संघर्षग्रस्त राज्य में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं की आशंका
उन्होंने कहा, दोनों समुदायों के पास बड़ी संख्या में हथियारों की उपलब्धता और सीमा पार म्यांमार में अस्थिरता का मणिपुर की स्थिति पर खासा प्रभाव पड़ा है। कलिता ने कहा, संघर्षग्रस्त राज्य में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं होने की आशंका है लेकिन सेना और असम राइफल्स का उद्देश्य ऐसी घटनाओं को काफी हद तक नियंत्रित करना है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा शांति और सुलह प्रक्रिया चलाई जा रही है, हमारा ध्यान हिंसा को कम करने पर रहा है। हालांकि इस समस्या के समाधान के लिए कोई समय सीमा बताना मुश्किल है क्योंकि इसमें कई ऐतिहासिक और विरासती मुद्दे जुड़े हैं।
इस अवसर पर विजय दिवस समारोह में हिस्सा लेने आए 30 मुक्ति योद्धाओं, सेवारत बांग्लादेश सेना के अधिकारियों और परिवार के सदस्यों सहित 72 सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल को बधाई देते हुए कलिता ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत से न केवल एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ बल्कि दक्षिण एशिया की भू-राजनीति भी बदल गई। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में पूर्वी कमान सबसे आगे थी, इसलिए विजय दिवस कमान के इतिहास में गौरव का विशेष स्थान रखता है।