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गांधीनगर (गुजरात) 19 नवंबर 2024। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले दस वर्षों में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित हिस्सों में हिंसा को 70 फीसदी तक कम किया है। यह बयान उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में आयोजित 50वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन के शुभारंभ के मौके पर दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी दुनिया में सबसे अधिक वैज्ञानिक और तेज होगी।
‘पिछले दस वर्षों में हिंसा में 70 फीसदी तक की कमी’
शाह ने कहा, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को अत्यधिक अशांत क्षेत्र माना जाता था। लेकिन आज इन तीनों क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। बीते दस वर्षों के आंकड़ों की तुलना में आंकड़ों को देखें तो हमने हिंसा में 70 फीसदी तक की कमी की है। गृह मंत्री ने कहा, तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से अब किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज होने पर तीन साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा।
आईपीसी, सीआरपीसी को बदलने के लिए लाए गए नए आपराधिक कानून
इन तीन नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) को एक जुलाई 2024 को लागू किया गया है। ये कानून ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लाए गए। उन्होंने आगे कहा कि इन सुधारों से भारत की न्याय प्रणाली और भी मजबूत और तेज बनेगी, जिससे आम लोगों को समय पर और प्रभावी न्याय मिलेगा।