इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 04 जनवरी 2024। कोविड-19 के दौरान भारत को दुनिया में कम आंका गया लेकिन भारत अन्य देशों की तुलना में अधिक स्वस्थ्य विकास दर के साथ महामारी से उबरा है। यह कहना है भारत के विदेश मंत्री एस जयशकंर का। जयशंकर ने बुधवार को अपनी किताब व्हाई भारत मैटर्स का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2024 में वैश्विक परिदृश्य उथल-पुथल भरा होगा। लेकिन भारत चुनौतियों से निपटने में राजनीतिक और आर्थिक रूप से अच्छी स्थिति में है।
भारत 2024 में भी आत्मविश्वास से ओतप्रोत होगा
जयशंकर ने अपनी किताब में रामायण का भी जिक्र किया है। उन्होंने भगवान राम-लक्षमण और हनुमान के माध्यम से भारत के उत्थान का वर्णन किया है। उन्होंने कहा कि 2024 काफी अशांत होगा। 2023 के कई मामले 2024 को भी प्रभावित करेंगे। हालांकि, भारत इस साल भी आत्मविश्वास से ओतप्रोत होगा। हमें देखना होगा कि आज हम कहां हैं। हम राजनीतिक रूप से कहां हैं। हम आर्थिक रूप से कहां है। इन सभी पहलुओं पर गौर करेंगे तो समझ आएगा कि हमारी क्षमताएं सभी क्षेत्रों में काफी ज्यादा बढ़ी हैं।
अमेरिका को लेकर नेहरू में झिझक
विदेश मंत्री ने प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा। पत्र में नेहरू ने कहा कि पहले चीन को ही सुरक्ष परिषद में जगह लेने दें। 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद नेहरू अमेरिका से सहायता लेने में झिझक रहे थे। नेहरू अमेरिका को लेकर काफी संकोची थे। नेहरू की इसी विदेश नीति पर सरदार पटेल ने कहा था कि हम अमेरिका के प्रति इतने अविश्वासी क्यों हैं। हमें अमेरिका को अपने मित्र के रूप में देखना चाहिए।
कोरोना महामारी से हम उबरे
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के वक्त की एक घटना है, जिसें मैं कभी नहीं भूलूंगा। जी20 वर्चुअल सम्मेलन के दौरान विश्व बैंक के प्रमुख ने कहा था कि भारत बड़ी समस्या बन सकता है। भारत कोविड से जूझ सकता है। लेकिन आज देखिए हम कहां हैं। महामारी से सफलता पूर्वक उबरने का मुख्य कारण 7.7 प्रतिशत की विकास दर है। कोविड-19 के दौरान भारत को दुनिया में कम आंका गया लेकिन भारत अन्य देशों की तुलना में अधिक स्वस्थ्य विकास दर के साथ महामारी से उबरा है।