9 जिलों के करीब 15 से 16 सौ किसानों से आग्रेनिक खेती के रूप में काले धान की खेती महासमुंद निवासी डॉ आर के सेन के द्वारा मसीजा फूड एग्रोटेक कंपनी के माध्यम से कराया गया था.
इंडिया रिपोर्टर लाइव
महासमुंद : जिले में किसानों के साथ धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है. यहां काला धान लगाने के नाम पर सैकड़ों किसानों से ठगी की गई. 9 जिलों के किसानों से हजारों क्वींटल धान खरीदने के बाद अब मसीजा फूड एग्रोटेक कंपनी किसानों को पिछले 1 साल से रुपये देने के लिए घुमा रही है. किसान सालभर से रूपये के लिए संबंधित फर्म का चक्कर लगाकर थक गए हैं और अब इंसाफ के लिए एसपी कलेक्टर को आवेदन सौंप मदद की गुहार लगाई है.
9 जिलों के करीब 15 से 16 सौ किसानों से आग्रेनिक खेती के रूप में काले धान की खेती महासमुंद निवासी डॉ आर के सेन के द्वारा मसीजा फूड एग्रोटेक कंपनी के माध्यम से कराया गया था. जिसके तहत ग्रीन प्लानेंट एग्रीकल्चर प्रोडेक्ट के तहत प्रदेश के 9 जिले महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बलौदाबाजार, दुर्ग, बालोद और बेमेतरा के लगभग 15 से 16 सौ किसानों को 50 रूपये किलो की दर से एवं 20 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को काला धान का बीज दिया गया. और उनसे एग्रीमेंट कराया गया कि धान का उत्पादन होने के बाद 2600 सौ प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदेगें.
किसानों ने झांसे में आकर काले धान के बीज को अपने खेतों में लगा लिया. धान का उत्पादन देर से होने के कारण किसान परेशान थे, जिसके बाद डॉ. सेन के द्वारा किसानों से काले धान को महासमुंद के एक राइस मील में मंगाया गया. जहां कुछ किसानों को कुछ राशि दिये गई और शेष राशि बाद में देने को कहा गया. रूपये नहीं मिलने से परेशान किसान पैसे के लिए शिकायत करना शुरू किये तो उन किसानों को चेक दिया गया, जो बांउस हो गया. 9 जिलों के किसानों ने 3 हजार एकड़ की लगभग 12 हजार क्वींटल धान को 26 सौ रूपये की दर से बेचा है जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 12 लाख रूपये है. अब रूपये नहीं मिलने पर किसान आत्महत्या करने की बात कह रहे है.
किसान राम कुमार वर्मा ने बताया कि धान खरीदा गया लेकिन कंपनी ने भी तक पैसे नहीं दिए हैं कई बार कपंनी का चक्कर लगा चुके हैं. पैसा लनहीं मिला तो हम यहीं आत्महत्या कर लेगें. मसीजा फूड एग्रोटेक कंपनी की जालसाजी के चलते किसान कर्जों में डूबे हुए हैं.
वहीं जिले के एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि किसानों से ठगी का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने भी इसे गंभीरता से लिया है. किसानों को जल्द से जल्द कंपनी से पैसा दिलाया जाएगा.