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नई दिल्ली 31 मई 2024। भारत ने क्षेत्रीय रक्षा कूटनीति, सहभागिता और मुद्दा आधारित भागीदारी पर काफी अधिक ध्यान दिया है। लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की बढ़ती रक्षा भूमिका और भागीदारी का भारत-चीन संबंधों पर भी असर दिखेगा। बता दें, आईआईएसएस रिपोर्ट सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला वार्ता की शुरुआत में जारी हुई है। यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक सुरक्षा वार्ता है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अगर भारत-चीन संबंध और बिगड़ते हैं तो यह क्षेत्र दो शक्तियों के बीच बंट सकता है। इससे रक्षा संबंध और बिगड़ सकते हैं। एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय सुरक्षा आकलन (एपीआरएसए) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पसंदीदा सुरक्षा भागीदारी के कारण क्षेत्रीय मनमुटाव बढ़ सकता है। पसंदीदा सुरक्षा द्विपक्षीय रिश्ते विशिष्ट लाभों के साथ-साथ जोखिम और चुनौतियां भी लेकर आती हैं। आईआईएसएस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत इन सब के बावजूद एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना पसंद करेगा।
भारतीय सेना तेजी से बढ़ा रही है संयुक्त सैन्य अभ्यास
रिपोर्ट के अनुसार, भारत क्षेत्रीय भागीदारों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास को न केवल सुधार के रूप में देखता है बल्कि नई दिल्ली के साथ उनके सहजता स्तर को भी बढ़ाता है। भारत सैन्य संयुक्त अभ्यास को बढ़ा रहा है, जिसमें वायुसेना, थलसेना और नौसेना अभ्यास तीनों अभ्यास शामिल है। भारतीय नौसेना के बंदरगाहों पर भी सैन्य अभ्यास आयोजित किए जाते हैं। भारतीय सेना एशिया-प्रशांत सेनाओं के साथ त्रिपक्षीय, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों में तेजी से भाग ले रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना ने 2023 में कुल 75 संयुक्त सैन्य अभ्यास किए हैं। जिसमें 55 द्विपक्षीय, 16 बहुपक्षीय अभ्यास शामिल है। साल-दर-साल भारतीय सेना ने सैन्य अभ्यासों को बढ़ाया है। 2022 में 45 अभ्यास, 2021 में 39, 2019 में 29 और 2018 में 40 सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था। भारत अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति को बढ़ाना चाहता है। इसका लक्ष्य भागीदार देशों की संख्या को बढ़ाना है।
संयुक्त अभ्यास के लिए भारतीय नौसेना भी सबसे आगे
संयुक्त अभ्यास में भारतीय नौसेना भी काफी आगे है। भारतीय नौसेना ने रॉयल थाई नौसेना, आसियान और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की नौसेनाओं के साथ भी अभ्यास कर चुकी है। इसके अलावा, भारतीय नौसेना भारत-इंडोनेशिया-ऑस्ट्रेलिया और भारत-फ्रांस-यूएई त्रिपक्षीय अभ्यास में भी शामिल हो चुकी है। भारतीय नौसेना हिंद महासागर और दक्षिण पूर्व एशिया में संयुक्त अभ्यासों से रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। 2023 में भारतीय नौसेना ने ऑस्ट्रेलिया, मालदीव, अमेरिका और वियतनाम सहित कई देशों के साथ सैन्य अभ्यास किए हैं। अभ्यासों के साथ-साथ भारतीय नौसेना बंदरगाहों की यात्रा को लेकर भी काफी सक्रीय है। 2023 में नौसेना ने 51 बंदरगाहों पर यात्राएं कीं। वहीं, 2022 में 39, 2021 में 24 और 2019 में 25 बंदरगाहों पर यात्राएं कीं। अगस्त 2023 में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय पनडुब्बी की पहली तैनाती हुई। फरवरी 2023 में इंडोनेशिया में भारतीय पनडुब्बी ने पहली यात्रा की। सितंबर 2023 में भारतीय पनडुब्बी ने सिंगापुर का भी दौरा किया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के साथ संयुक्त गश्ती भी की है।