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वांशिगटन 05 दिसंबर 2024। अमेरिका के नए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप की चीन के खिलाफ व्यापार शुल्क बढ़ाने की नीतियों ने भारत के लिए अपने निर्यात बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा किया है। भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल्स, ऑटो पार्ट्स और केमिकल्स जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए इन क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की योजना बनाई है। भारत, ट्रंप की नीतियों से पैदा हुए इस अवसर को भुनाने के लिए नीति-निर्माण और उद्योगों को प्रोत्साहन देने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। आने वाले महीनों में इस दिशा में और कदम उठाए जाने की उम्मीद है। ट्रंप ने चीन से आयातित उत्पादों पर 10-20% तक सामान्य शुल्क बढ़ाने और कुछ उत्पादों पर 60% तक शुल्क लगाने की योजना बनाई थी। इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ सकती है। हालांकि, स्टील जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी संरक्षणवादी नीतियों के कारण भारत को फायदा नहीं होगा।
सरकार की तैयारी
भारत सरकार ने उत्पाद-वार विश्लेषण शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि भारत को इन क्षेत्रों में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को बेहतर बनाने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा, “ट्रंप की व्यापार नीतियों से अमेरिका में बड़ा व्यापारिक बदलाव होगा, और अगर भारत सही तैयारी करे, तो यह हमारे लिए आर्थिक उछाल का कारण बन सकता है।”
चीन की प्रतिक्रिया
सरकार चीन की प्रतिक्रिया, जैसे युआन का अवमूल्यन, पर नजर रख रही है ताकि अपनी व्यापार रणनीति को उसी अनुसार तैयार किया जा सके। हालांकि ट्रंप ने भारत को “हाई टैरिफ नेशन” कहा था, लेकिन उनका ध्यान उन देशों पर है जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा अधिक है। भारत इन शीर्ष देशों में शामिल नहीं है, जिससे भारत के लिए राहत की स्थिति है।