इंडिया रिपोर्टर लाइव/(अनिल बेदाग)
मुंबई 03 जनवरी 2025। माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने संगम नगरी, प्रयागराज के ऑफिशियल विज़िट के दौरान राज्य की सबसे बड़ी बायो-सीएनजी युनिट के निर्माण कार्यां की समीक्षा की, जिसका विकास एवरएनविरो रिसोर्स मैनेजमेन्ट प्रा. लिमिटेड द्वारा प्रयागराज नगर निगम के सहयोग से किया जा रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने निर्माणाधीन युनिट की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द इसका कमर्शियल संचालन शुरू किया जाए। निरीक्षण के दौरान श्री महेश गिरधर, एमडी एवं सीईओ, एवरएनविरो, श्री केए चौधरी, चीफ़ प्रोजेक्ट एण्ड ऑपरेशन्स ऑफिसर तथा म्युनिसिपल कमिश्नर, प्रयागराज, श्री चन्द्र मोहन गर्ग ने माननीय मुख्यमंत्री जी को प्लांट के विभिन्न पहलुओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। राज्य की सबसे बड़ी बायो-सीएनजी युनिट नैनी में जहांगीराबाद और अराइल घाट के नज़दीक तकरीबन 12.5 एकड़ में फैली है, उम्मीद है कि यह रोज़ाना 21.5 मीट्रिक टन बायो-सीएनजी, 200 मीट्रिक टन फरमेंटेड ओर्गेनिक मैन्योर (कार्बनिक खाद) तथा 30 मीट्रिक टन ब्रिकेट्स का उत्पादन करेगी। वेस्ट-टू-वेल्थ मिशन के अनुरूप यह प्लांट नगरपालिका व्यर्थ को कीमती संसाधनों में बदलकर राज्य को सालाना रु 53 लाख का कोष उपलब्ध कराएगा। यह प्रयागराज के लिए बड़ी उपलब्धि है जो व्यर्थ प्रबन्धन की चुनौती को हल कर हरित एवं स्थायी भविष्य के निर्माण में योगदान देगी।
इस परियोजना का काम दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में प्लांट में दो डाइजेस्टर्स तैयार किए जाएंगे, जो रोज़ाना 200 टन गीले कूड़े की प्रोसेसिंग तथा 8.9 टन बायो-सीएनजी के उत्पादन में सक्षम होंगे। वहीं दूसरे चरण में प्लांट की क्षमता को और बढ़ा कर तथा प्रतिदिन 13.2 टन बायो-सीएनजी उत्पादन क्षमता शामिल की जाएगी। इस अवसर पर श्री महेश गिरधर, एमडी एवं सीईओ, एवरएनविरो रिसोर्स मैनेजमेन्ट प्रा. लिमिटेड ने कहा, ‘‘यह परियोजना व्यर्थ प्रबन्धन एवं नवीकरणीय उर्जा उत्पादन की दोहरी चुनौतियों को हल कर स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस युनिट से न सिर्फ शहर में ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन और वायु प्रदूषण कम होगा बल्कि स्वच्छ उर्जा एवं उच्च-गुणवत्ता की फरमेंटेड ओर्गेनिक खाद का निर्माण भी होगा। इस तरह यह परियोजना सर्कुलर इकोनोमी को बढ़ावा देकर शहरी एवं ग्रामीण समुदायों को लाभान्वित करेगी तथा भारत के नवीकरणीय उर्जा लक्ष्यों में योगदान देगी।’’
इस प्लांट का उद्देश्य कार्बन डाई ऑक्साईड के उत्पादन में सालाना 56,700 टन कमी लाकर क्षेत्र के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करना है। इससे व्यर्थ को लैण्डफिल में डाइवर्ट कर ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कम करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही उप-उत्पाद के रूप में बनने वाले एफओएम (फरमेंटेड ओर्गेनिक मैन्योर) का उपयोग सालाना 1 लाख एकड़ ज़मीन की उत्पादकता बढ़ाने एवं मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए किया जा सकेगा। श्री केए चौधरी, चीफ़ प्रोजेक्ट्स एण्ड ऑपरेशन्स ऑफिसर, एवरएनविरो रिसोर्स मैनेजमेन्ट प्रा. लिमिटेड ने कहा, ‘‘हम नवीकरणीय उर्जा का उत्पादन बढ़ाकर, फरमेंटेड ओर्गेनिक खाद के द्वारा कृषि की उत्पादकता बढ़ाकर तथा हरित नौकरियों का सृजन कर उत्तर प्रदेश की स्थायित्व की यात्रा को गति प्रदान करना चाहते हैं। यह प्लांट न सिर्फ शहर में पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करेगा बल्कि क्षेत्र में आर्थिक अवसर भी उत्पन्न करेगा। इस तरह यह नौकरियां उत्पन्न करने और राजस्व के सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रयागराज कूड़े के निपटान की बढ़ती समस्या से जूझ रहा है, रोज़ाना शहर में कूड़े के ढेर बढ़ते चले जा रहे हैं। प्रयागराज नगर निगम द्वारा इस समस्या को हल करने के प्रयासों के तहत बायो-सीएनजी प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। यह प्लांट घरों, होटलों, रेस्टोरेन्ट्स और मंदिरों से निकलने वाले कूड़े को बायो-सीएनजी एवं फरमेंटेड ओर्गेनिक मैन्योर में बदलकर आय के भरोसेमंद स्रोत उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा यह परियेजना तकरीबन 200 नौकरियां उत्पन्न कर स्थानीय आर्थिक विकास में भी योगदान देगी। यह पहल स्वच्छ एवं अधिक स्थायी प्रयागराज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।