नई दिल्ली। भारत के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, दरअसल अब उनके लिए क्रिकेट में वापसी करने का रास्ता साफ हो गया है. केरल क्रिकेट संघ ने ये फैसला लिया है कि वो सितंबर से रणजी ट्रॉफी खेल सकते हैं।
गौरतलब है कि एस श्रीसंत को साल 2013 में मैच फिक्सिंग के आरोप में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से बैन कर दिया गया था. उनके साथ दो और खिलाड़ी अजीत चांडिला और अंकित छावनी को भी इसी अरोप की वजह से गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद श्रीसंत ने एक लंबी लड़ाई लड़ी जिसमें दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से बारी कर दिया गया। केरल उच्च न्यायलय ने बीसीसीआई के आजीवन प्रतिबंध के अपील पर रोक लगा दी थी. साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को ये आदेश दिया कि उनकी सजा को कम कर दिया जाए. जिसके बाद बीसीसीआई ने उनकी सजा 7 साल कम कर दी अब उनकी सजा सितंबर 2020 में खत्म हो जाएगी।
जैसे ही श्रीसंत को ये खबर पता चली उन्होंने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि मैं दोबारा मौके दिए जाने के लिए केसीए का आभार व्यक्त करता हूं. मैं अपनी फिटनेस और तूफान से सबको खेल में अपने आप को साबित करूंगा. यह सभी विवादों को शांत करने का समय है, बता दें कि हाल ही में केसीए ने पूर्व तेज गेंदबाज टीनू योहानन को टीम का कोच नियुक्त किया था. केसीए के सचिव सीरीथ नायर ने उनकी वापसी पर कहा है उनकी वापसी राज्य टीम के लिए संपति साबित होगी। गौरतलब है कि श्रीसंत क्रिकेट के फील्ड में बेहद आक्रामक और तुनकमिजाजी स्वभाव के लिए जाने जाते थे. उनके नाम 27 टेस्ट में 87 विकेट दर्ज हैं, और वनडे क्रिकेट में उनके नाम 75 विकेट हैं. 2011 और 2007 के विश्व कप में वो भारतीय टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे. आईपीएल के एक सीजन के दौरान भारत के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने उन्हें थापड़ मार दिया था। हालांकि हरभजन ने इसके लिए उनसे माफी भी मांगी थी. क्रिकेट से बैन होने बाद उन्होंने राजनीति में भी किस्मत आजमाई थी, वो केरल के तिरुवनंतपुरम सीट से चुनाव लड़ा था. भाजपा ने उसे उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन वो कांग्रेस के उम्मीदवार शिव कुमार से हार गए थे. वो अपने खतरनाक स्विंग गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे. 2007 के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमी फाइनल मैच में उनके द्वारा लिए गए दो महत्वपूर्ण को कौन भूल सकता है. जिसमें वो गिलक्रिस्ट और हेडेन में विकेट लिया था।