इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली/ जयपुर 13/07/2020 राजस्थान में डेप्युटी सीएम सचिन पायलट के बागी तेवरों से अशोक गहलोत सरकार पर मंडराया संकट अब टलता दिखाई दे रहा है। मध्य प्रदेश में 4 महीने पहले झटका खा चुकी कांग्रेस आलाकमान इस बार वह गलती नहीं दोहराई। संकट गहराता देख एक तरफ जहां तुरंत ही दिल्ली से संकटमोचकों को जयपुर रवाना कर दिया गया वहीं अंदरखाने पायलट को भी मनाने की कोशिश होती रही। सचिन पायलट की नाराजगी की खबरें जैसे ही बाहर आईं कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हो गया। पार्टी नहीं चाहती थी कि राजस्थान भी मध्य प्रदेश बने। अब पार्टी राहत की सांस ले सकती है क्योंकि सोमवार को उसने दावा किया कि गहलोत सरकार को अभी भी 109 विधायकों का समर्थन हासिल है। प्रियंका गांधी वाड्रा और ये चेहरे रणदीप सुरजेवाला , अजय माकन, अविनाश पांडे, के. सी. वेणुगोपाल गहलोत सरकार के लिए संकट मोचक बनकर उभरे।
रणदीप सुरजेवाला
रविवार को शाम होते-होते जब संकट ज्यादा गहरा गया तब कांग्रेस आलाकमान ने अपने तेज तर्रार प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को तत्काल जयपुर रवाना होने का संदेश भेजा। एक-एक पल महत्वपूर्ण था लिहाजा वह चार्टर्ड प्लेन से जयपुर पहुंचे। जाते ही सुरजेवाला ने ताबड़तोड़ विधायकों से संपर्क कर उन्हें साधे रखने की कवायद शुरू की। अगले दिन विधायक दल की बैठक बुलाने का ऐलान किया गया और विप जारी कर रात ढाई बजे विधायकों को दो टूक चेतावनी दी गई कि मीटिंग में नदारद रहे तो पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ेगा। कभी सख्त कभी नरम की रणनीति के तहत सोमवार को सुरजेवाला जब मीडिया से मुखातिब हुए तो उनके सुर बदले थे। सुलह की गुंजाइश को रखते हुए उन्होंने पायलट का नाम लेकर कहा कि उनके सहित सभी विधायकों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले थे, खुले हैं और खुले ही रहेंगे। सुरजेवाला दिल्ली से गए अन्य नेताओं के साथ मिल विधायकों को साधने में कामयाब हुए।
प्रियंका गांधी वाड्रा
कांग्रेस किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश जैसी गलती नहीं दोहराना चाहती। इसे इस बात से समझ सकते हैं कि संकट को सुलझाने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पर्दे के पीछे से मोर्चा संभाला हुआ है। प्रियंका मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट से संपर्क बनाई हुई हैं। शायद यही वजह है कि पायलट कैंप की तरफ से भी सुलह के संकेत मिलने लगे हैं।
अजय माकन
कांग्रेस आलाकमान ने सुरजेवाला के साथ दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन को भी जयपुर भेजा। माकन भी सुरजेवाला के साथ मिलकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों के साथ लगातार संवाद बनाया। जिन भी विधायकों के सचिन पायलट कैंप में होने का थोड़ा भी संदेह हुआ, उन्हें एकजुटता की खास नसीहतें दी गईं।
अविनाश पांडे
गहलोत सरकार पर छाए संकट के बादल को हटाने में राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे की बहुत ही अहम भूमिका रही। संकट का अंदाजा लगते ही वह जयपुर में डट गए और विधायकों को एकजुट बनाए रखने की रणनीतियों पर काम और उन्हें अमलीजामा पहनाने में मशगूल रहे।
के. सी. वेणुगोपाल
रविवार रात को ही सुरजेवाला और माकन जयपुर पहुंच गए और सरकार बचाने की कवायद में लग गए। राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे पहले से ही जयपुर में डटे हुए थे। सोमवार सुबह होते-होते कांग्रेस आलाकमान एक और भरोसेमंद चेहरे और पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल भी जयपुर पहुंच गए। उन्होंने भी विधायकों को भरोसा दिलाया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और वे किसी की बातों में बिल्कुल न आएं।