भोपाल, मध्य प्रदेश के हनीट्रैप मामले में नेहरू नगर से गिरफ्तार एक आरोपी महिला के पति ने माना कि मेरी पत्नी के कई हाई प्रोफाइल मंत्रियों से संबंध थे. लेकिन हमने कभी किसी का कोई फायदा नहीं उठाया. लेकिन इस शख़्स ने जांचपर सवाल उठाया कि जब एफआईआर में मेरी पत्नी का नाम नहीं है तो फिर किस आधार पर उसकी गिरफ़्तारी हुई. आख़िर पुलिस किसके कहने पर काम कर रही है और किसे बचाने के लिए हमें फंसा रही है. हनीट्रैप मामले में नेहरू नगर से एक आरोपी महिला को गिरफ्तार किया गया था.ये आरोपी महिला अब इंदौर जेल में बंद है. उस आरोपी महिला के पति ने अपनी पत्नी को बेकसूर बताया.उसका कहना है जब उसकी पत्नी को पकड़ा गया था, तब वो भी उसे साथ था.मिनाल रेसीडेंसी स्थित आरोपी महिला के घर से नहीं, बल्कि 14 लाख रुपए पड़ोसी से बरामद किए गए थे.पुलिस ने आरोपी महिला के पति और बेटे के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जप्त की थीं, लेकिन पुलिस ने पति, बेटे और तीन पड़ोसियों को छोड़ दिया. आरोपी महिला के पति ने कहा,मेरा कोई एनजीओ नहीं है. ना ही मेरी पत्नी ने मुझे कोई टेंडर दिलवाया. एफआईआर में मेरी पत्नी का नाम नहीं है. उसकी कोई पहचान भी नहीं हुई. मिनाल में रहने वाली महिला ने मेरी पत्नी का नाम लिया और मेरी पत्नी की गिरफ़्तारी कर ली गयी. इस आरोपी महिला के पति ने ये भी कहा कि रिवेरा टाउन में रहने वाली महिला से हमारा कोई परिचय नहीं है. उस आरोपी महिला के भाई के एनजीओ को करोड़ों के काम मिले हैं. मिनाल की आरोपी महिला ने कई रसूख़दारों को फंसाया है. पुलिस किसी दबाव में हमें फंसा रही है.मिनाल रेसीडेंसी और रिवेरा टाउन से गिरफ्तार आरोपी महिलाओं के कई बड़े नेताओं और अफसरों से संपर्क थे. तीन बार बनी एसआईटी को लेकर अब कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने भी सवाल खड़े किए हैं.उन्होंने कहा एसआईटी के पुराने अधिकारी-कर्मचारी जानकारी लीक कर सकते हैं.उनके पास केस से जुड़ी सभी जानकारियां हैं.इसलिए नए एसआईटी चीफ को इन अधिकारियों कर्मचारियों पर नजर रखना चाहिए.