इंडिया रिपोर्टर लाइव
जम्मू 30 नवंबर 2021 । नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर घाटी में अगर स्थिति को सामान्य करना है तो आर्टिकल-370 को बहाल करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर साथ नहीं दिया, तो अकेले ही अपनी मांगों के लिए आगे बढ़ेंगे. इससे पहले सोमवार को भी फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों ने अनुच्छेद-370 वापस लेने और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने की मांग के साथ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसदों के प्रदर्शन में हसनैन मसूदी और मुहम्मद अकबर लोन भी शामिल थे. उन्होंने हाल ही में श्रीनगर के हैदरपोरा और रामबाग एनकाउंटर की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की. अब्दुल्ला ने पोस्टर पकड़ा हुआ था, जिसमें लिखा था कि कृषि कानूनों की तरह अनुच्छेद-370 को वापस लो. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला इससे पहले कहते रहे हैं कि वे संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने को वह कानूनी और संवैधानिक माध्यमों से चुनौती देते रहेंगे.वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिसने राज्य का दर्जा लिया है, वही देगा, वो संसद ही दे सकती है. उन्होंने कहा, “सिर्फ संसद ही राज्य के दर्जे को वापस दे सकती है. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने भी संसद में और देश को संबोधित करते हुए बताया है कि डिलिमिटेशन के बाद चुनाव होगा, उसके बाद स्टेटहुड दिया जाएगा. देश को भरोसा रखना चाहिए.”
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. इस कदम के बाद जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में या नजरबंद कर दिया गया था.श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में 15 नवंबर की देर शाम हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय सहयोगी समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में एक मकान मालिक और एक डॉक्टर भी शामिल हैं. पुलिस ने उन्हें आतंकवादियों का सहयोगी बताया है. हालांकि, मृतकों के परिवारों ने पुलिस के आरोप से इनकार किया है. इस पर जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल लगातार न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं.
फारूक अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कश्मीर में हुई हत्याओं और हालिया एनकाउंटर को लेकर भी सरकार पर लगातार सवाल उठाएं हैं. अब्दुल्ला ने हाल ही में कहा था, “अतीत में फर्जी मुठभेड़ों की कई घटनाएं हुई हैं और हैदरपोरा मुठभेड़ के बारे में उठाए गए सवालों का तेजी से और विश्वसनीय तरीके से जवाब देने की जरूरत है. हैदरपोरा में हालिया मुठभेड़ की निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच बहुत जरूरी है. मुठभेड़ और मारे गए लोगों के बारे में बहुत सारे सवाल उठाए जा रहे हैं.”