हाइलाइट्स
- कार्यवाही के दौरान सदन में नहीं पहुंचा कांग्रेस पार्टी का कोई भी विधायक
- शिवराज ने सोमवार को ली थी सीएम पद की शपथ, मंगलवार को पेश किया बहुमत प्रस्ताव
इंडिया रिपोर्टर लाइव
भोपाल । मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट का अंत होता दिख रहा है। सोमवार शाम सीएम पद की शपथ लेने के बाद शिवराज सिंह चौहान की बीजेपी सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। एमपी में शिवराज सरकार के बहुमत परीक्षण के दौरान कांग्रेस का कोई भी विधायक सदन में उपस्थित नहीं रहा। वहीं शिवराज से बहुमत परीक्षण का प्रस्ताव पेश करने के पहले ही स्पीकर एनपी प्रजापति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार सुबह सदन में बहुमत प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव का बीजेपी के विधायकों ने समर्थन किया। वहीं बीएसपी, एसपी और निर्दलीय विधायकों ने भी भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करते हुए वोटिंग की। हालांकि कार्रवाई के दौरान कांग्रेस का कोई भी सदस्य सदन में मौजूद नहीं रहा।
शिवराज ने किए कई बड़े फैसले
बहुमत परीक्षण के एक दिन पहले विधानसभा सचिवालय ने इस कार्यवाही को सदन की कार्यसूची में शामिल करने की जानकारी दी थी। शिवराज सिंह चौहान के सीएम बनने के बाद कई बड़े फैसले हुए थे। इनमें सबसे बड़ा फैसला जबलपुर और भोपाल में कर्फ्यू लगाने का था। शिवराज ने अपनी शपथ के बाद यह कहा भी था कि फिलहाल राज्य में कोरोना का कहर रोकना उनकी पहली प्राथमिकता है।
बीजेपी के पास 107 विधायक
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के पास फिलहाल 107 एमएलए हैं। इसके अलावा 22 विधायकों के इस्तीफा देने और 2 के निधन के कारण विधानसभा की कुल 24 सीट अभी खाली है। इन सभी सीटों पर आने वाले 6 महीनों में चुनाव कराए जाएंगे। निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बिना बहुमत के लिए बीजेपी को 9 सीट पर जीत की जरूरत होगी। वहीं अगर एसपी, बीएसपी और निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बरकरार रखनी हो तो बीजेपी को सिर्फ पांच सीट पर जीत की जरूरत होगी।