
इंडिया रिपोर्टर लाइव
मुंबई 31 जुलाई 2022। शिवसेना सांसद संजय राउत एक बार फिर चर्चा में हैं। पात्रा चॉल भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए संजय राउत के घर पर छापा मारा। दो अन्य टीमें उनके अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं। माना जा रहा है कि ईडी राउत को हिरासत में ले सकती है। राउत से पूछताछ भी की जा रही है। इस मामले में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत पर भी आरोप है।
संजय और उनकी पत्नी के पास 2.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति
2016 में राज्यसभा का चुनाव लड़ते समय संजय राउत ने चुनाव आयोग को हलफनामा दिया था। इसमें उन्होंने अपनी संपत्ति का जिक्र किया था। संजय और उनकी पत्नी वर्षा के पास कैश, बैंक खाते में डिपॉजिट, गाड़ी, गहने मिलाकर कुल 2.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है। संजय के नाम एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल दर्ज है।
इसके अलावा 2004 मॉडल की एक कार भी है। संपत्ति के मामले में वर्षा अपने पति और सांसद संजय राउत से कहीं ज्यादा आगे हैं। वर्षा के पास 22 लाख के गहने हैं। वह अपनी कंस्ट्रक्शन फर्म में पार्टनर भी हैं।
पालघर और रायगढ़ में जमीनें, मुंबई में फ्लैट और दुकानें
अचल संपत्ति की बात करें तो संजय के पास रायगढ़ में एक घर और कुछ एग्रीकल्चर लैंड है। वहीं, वर्षा के नाम रायगढ़ के साथ-साथ पालघर में भी प्लॉट है। इसके अलावा वर्षा के नाम अलीबाग रायगढ़ में आठ प्लॉट हैं। ये प्लॉट 2010 से लेकर 2012 तक खरीदी गए हैं। वर्षा के नाम मुंबई में कॉमर्शियल लैंड भी है। वर्षा की मुंबई में दो दुकान और एक ऑफिस है। ये सभी पॉश इलाके में हैं।
संजय राउत के नाम मुंबई में दो फ्लैट हैं, वहीं वर्षा के नाम पर भी मुंबई में दो फ्लैट हैं। इस तरह से संजय राउत के पास कुल 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है, जबकि उनकी पत्नी के पास 7.10 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
अब जानिए पात्रा चॉल घोटाला क्या है?
मुंबई के गोरेगांव में एक चॉल है। इसका नाम पात्रा चॉल है। यहां गरीब लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। मामला 2007 का है। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। मुख्यमंत्री थे विलासराव देशमुख।
सरकार ने एक योजना बनाई। कहा- पात्रा चॉल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट मिलेगा। इसके लिए हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल की सहायक कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचडीए) ने कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन की तरफ से 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करना होगा। 47 एकड़ जमीन पर ये फ्लैट बनने थे। तय ये भी हुआ था कि किराएदारों और एमएचडीए के लिए फ्लैट तैयार करने के बाद जो जमीन बच जाएगी उसे बिक्री और विकसित करने के लिए अनुमति देनी होगी।
सबकुछ तय था कि कौन-कौन क्या करेगा और कैसे करेगा। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली फर्म गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ऐसा नहीं किया। फर्म ने न तो चॉल के लोगों के लिए फ्लैट बनाए और न ही एमएचडीए को कोई फ्लैट दिया। कंपनी ने जमीन आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी। इस घोटाले में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल के लोग शामिल थे। ये कंपनी देश के चर्चित पीएमसी घोटाले में भी शामिल है। कंपनी के डायरेक्टर ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक कर्मचारियों और अफसरों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लोन लिया। फिर कंपनी के एनपीए को खत्म करने के लिए 250 करोड़ रुपये का फेक डिपॉजिट बैंक में दिखाया गया। इसके बाद बैंक ने फिर से एनपीए वाली कंपनी एचडीआईएल को फ्रेश लोन दे दिया।