इंडिया रिपोर्टर लाइव
कीव 05 नवंंबर 2022। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए अब आठ महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। हालांकि, इस जंग का अंत फिलहाल नजर नहीं आ रहा, बल्कि दोनों ही देशों के बीच युद्ध का स्तर और घातक होने का खतरा जताया जा रहा है। इस बीच अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस के खिलाफ यूक्रेन को मदद देना जारी रखा है। हाल ही में अमेरिका ने एक बार फिर यूक्रेन के लिए 40 करोड़ डॉलर का सुरक्षा पैकेज आवंटित किया है। इसके तहत यूक्रेन की सेना को टी-72 टैंक और जमीन से हवा में मार करने वाली हॉक मिसाइलें मुहैया कराई जाएंगी। इतना ही नहीं यूक्रेन को एक बार फिर उन्हीं घोस्ट ड्रोन्स की खेप भी दी जाएगी, जिन्होंने मार्च-अप्रैल में डोनबास और कीव के बाहर जुटे रूसी टैंकों के बेड़े को तबाह कर के रख दिया था।
इस बीच यह जानना अहम है कि आखिर यह घोस्ट ड्रोन्स हैं क्या? ये कितने खतरनाक हैं? और रूसी सेना इनका इस्तेमाल कैसे करती आ रही है? इसके अलावा अमेरिका इस बार यूक्रेन को कितने ड्रोन्स मुहैया कराने की बात कह रहा है?
यूक्रेन को कितने घोस्ट ड्रोन देगा अमेरिका?
यह पहली बार नहीं है, जब अमेरिका ने यूक्रेन को फीनिक्स घोस्ट ड्रोन्स मुहैया कराए हैं। इससे पहले जब रूस ने यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र पर कब्जा करना शुरू किया और कीव के बाहर अपने टैंकों का बेड़ा भेज दिया, तब भी अमेरिका ने यूक्रेन को फीनिक्स घोस्ट ड्रोन देने का एलान किया था। शुरुआत में अमेरिका ने यूक्रेन को 120 ड्रोन्स ही मुहैया कराए थे। हालांकि, इस बार इनकी संख्या 1100 के करीब रहेगी।
क्या है घोस्ट ड्रोन्स की खासियत?
फीनिक्स घोस्ट को अमेरिकी रक्षा विभाग से जुड़ी कंपनी आइवेक्स एयरोस्पेस ने अमेरिकी वायुसेना के साथ मिलकर तैयार किया है। इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आत्मघाती हैं। यानी यह रूस के अड्डों, टैंकों, सैनिकों और विमानों को बर्बाद करने के लिए खुद भी शहीद हो जाते हैं। मजेदार बात यह है कि कुछ लाख डॉलर के यह ड्रोन्स दुश्मन को करोड़ों के जान-माल का नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक, इसे चलाने के लिए बहुत ज्यादा ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है। यूक्रेन के डोनबास इलाके में सबसे पहले इसका इस्तेमाल हुआ था। मैदानी क्षेत्र में इसकी मारक क्षमता की वजह से यह यूक्रेनी सेना के काफी काम आया था।
सिंगल यूज ड्रोन्स हैं फीनिक्स घोस्ट
फीनिक्स घोस्ट ड्रोन्स एक बार में छह घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। इनमें इंफ्रारेड सेंसर्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यह रात में भी सैन्य अभियान में प्रयोग में लाए जा सकते हैं। इन सिंगल यूज ड्रोन्स को सीधे लॉन्च किया जाता है और ऑपरेशन खत्म करने के लिए इन्हें दुश्मन के किसी भी ठिकाने पर गिराकर नष्ट किया जा सकता है।
बताया जाता है कि फीनिक्स ड्रोन बख्तरबंद गाड़ियों के खिलाफ काफी कारगर हैं। कीव के बाहर जुटे टैंकों के बेड़ों को नष्ट करने में इन ड्रोन्स की भूमिका काफी अहम थी, क्योंकि यह बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में असरदार रहे थे। यूक्रेन में कम ट्रेनिंग पाने वाले सैनिकों को भी इन्हें ऑपरेट करने में कोई मुश्किल नहीं आई थी। तुर्की के बायराक्तर ड्रोन्स के साथ जुगलबंदी में इन ड्रोन्स ने रूसी बेड़े के सामने तबाही मचा दी थी।