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नई दिल्ली 18 जून 2023। विपक्षी नेताओं ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान मणिपुर में जारी हिंसा का जिक्र नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की आपदा प्रबंधन में महान क्षमताओं के लिए अपनी पीठ थपथपाई, लेकिन मणिपुर के सामने पूरी तरह से मानव निर्मित मानवीय आपदा पर चुप रहे। जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, “मन की बात का एक और एपिसोड लेकिन मणिपुर पर मौन। पीएम ने आपदा प्रबंधन में भारत की महान क्षमताओं के लिए खुद की पीठ थपथपाई। लेकिन पूरी तरह से मानव निर्मित (वास्तव में स्व-प्रेरित) मानवीय आपदा के बारे में क्या जिसका मणिपुर सामना कर रही है। फिर भी उनकी ओर से शांति की कोई अपील नहीं की गई।” उन्होंने आगे कहा, एक पीएम-केयर्स फंड है, जिसका ऑडिट नहीं किया जाता है, लेकिन क्या प्रधानमंत्री को मणिपुर की परवाह भी है, यह असली सवाल है। मन की बात की 102वीं कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बड़े से बड़ा लक्ष्य हो या कठिन से कठिन चुनौती, भारत के लोगों की सामूहिक शक्ति से हर चुनौती का हल निकल जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी हमने दो तीन पहले देखा कि देश के पश्चिमी छोर पर चक्रवाती तूफान आया। इस दौरान तेज हवाएं और बारिश हुईं। चक्रवात बिपरजॉय ने कच्छ में भारी नुकसान किया, लेकिन कच्छ के लोगों ने हिम्मत और तैयारी से इतने खतरनाक तूफान का जिस तरह मुकाबला किया, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कच्छ के लोग चक्रवात बिपरजॉय से हुई तबाही से जल्दी उबर जाएंगे।
‘इमरजेंसी, देश के इतिहास का काला दौर’
पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल देश के इतिहास में एक काला दौर था, जब लोकतंत्र का समर्थन करने वाले लोगों पर अत्याचार किए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं। 25 जून को हम कभी नहीं भूल सकते, जब देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। वह भारत के इतिहास का काला दौर था। पीएम मोदी ने कहा कि उस दौरान कई किताबें लिखी गईं, मैंने भी उस दौर पर ‘संघर्ष में गुजरात’ नाम से एक किताब लिखी है। टॉर्चर ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स इन इंडिया नामक किताब में उस दौर में लोकतंत्र के रखवालों से क्रूरतम व्यवहार कर रही थी।
अब मणिपुर की बात का समय: टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘बहुत हो गया मन की बात अब मणिपुर की बात का समय है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी।”
बता दें कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में इस सप्ताह हिंसा भड़क उठी और भीड़ ने केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेताओं के घरों में आग लगा दी। गोदाम में आग लगाने और सड़कों पर टायर जलाने के बाद भीड़ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों से भिड़ गई। बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच पहली बार तीन मई को राज्य के आरक्षण मैट्रिक्स में अदालत द्वारा प्रस्तावित बदलाव को लेकर झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक 115 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।