इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 08 नवंबर 2023। सुप्रीम कोर्ट ने मीडियाकर्मियों के डिजिटल उपकरणों को मनमाने ढंग से जब्त करने पर चिंता जताते हुए इसे गंभीर मामला बताया। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए उचित दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा। साथ ही कहा, एजेंसी की शक्तियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुचित हस्तक्षेप के खिलाफ सुरक्षा उपाय स्थापित करने और डिजिटल उपकरणों की खोज व जब्ती के लिए दिशा-निर्देश बनाने का आग्रह किया गया था।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुनवाई के दौरान स्थगन की मांग करते हुए पीठ से कहा कि कई जटिल कानूनी मुद्दे हैं, जिनकी जांच की जानी आवश्यक है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि ऐसे सैकड़ों पत्रकार हैं, जिनके डिजिटल उपकरण सामूहिक रूप से छीन लिए गए हैं।
याचिका में उठाए गए मुद्दे हैं महत्वपूर्ण
इस याचिका में उठाए गए मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कब और क्या जब्त किया जा सकता है, क्या एक्सेस किया जा सकता है, किस तरह की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है, इसके संदर्भ में कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं।
एजेंसियों की सर्व शक्ति को स्वीकार करना मुश्किल : पीठ ने कहा, हमें एजेंसियों के पास मौजूद कुछ प्रकार की सर्व शक्ति को स्वीकार करना बहुत मुश्किल हो रहा है। आपके पास बेहतर दिशा-निर्देश होने चाहिए। यदि आप चाहते हैं कि हम ऐसा करें, तो हम करेंगे, लेकिन मेरा विचार है कि आपको इसे स्वयं करना चाहिए। अब समय आ गया है कि आप सुनिश्चित करें कि इसका दुरुपयोग न हो।