इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 07 जनवरी 2024। आदित्य एल-1 अपने गंतव्य पर पहुंचा, बधाइयों का सिलसिला जारी है। शनिवार को भारत के सौर मिशन, आदित्य-एल1 की सराहना करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह सभी के लिए बहुत गर्व की बात है, जैसा कि चंद्रयान कार्यक्रम था। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि उन्होंने कई वर्षों तक अंतरिक्ष कार्यक्रम देखा है। “मुझे लगता है कि यह एक बड़ी उपलब्धि है… मैंने कई वर्षों तक अंतरिक्ष कार्यक्रम देखा है। मैं अंतरिक्ष आयोग का सदस्य रहा हूं ”। जयशंकर ने संवाददाताओं से आज इसरो के सौर मिशन आदित्य-एल1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करने पर कहा, “मुझे लगता है कि यह हमारे लिए चंद्रयान कार्यक्रम की तरह ही बहुत गर्व का क्षण है…।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1′ को उसकी गंतव्य कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी और कहा कि इस अभियान से पूरी मानवता को लाभ होगा। मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1′ को सफलतापूर्वक गंतव्य कक्षा में स्थापित किया गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस शानदार उपलब्धि के लिए पूरे भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को बधाई। यह मिशन सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगा और पूरी मानवता को लाभान्वित करेगा।
मुर्मू ने कहा कि इसरो के विभिन्न अभियानों में महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भागीदारी ‘‘महिला सशक्तीकरण को भी उच्च स्तर पर ले जाती है।” इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश के पहले अंतरिक्ष आधारित मिशन ‘आदित्य एल1′ यान को आज पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर इसकी अंतिम गंतव्य कक्षा में स्थापित किया। इसरो अधिकारियों के अनुसार, अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1′ (एल 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंचा। ‘एल1 प्वाइंट’ पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग एक प्रतिशत है।