विपक्ष बोला- भागवत की सलाह पर ध्यान दें प्रधानमंत्री, हिंसा से जूझ रहे मणिपुर का दौरा करें पीएम

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 12 जून 2024। विपक्षी दलों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की सलाह पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें मणिपुर का दौरा करना चाहिए जहां एक साल से अधिक समय से हिंसा हो रही है। भागवत ने एक दिन पहले कहा था कि मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है और हिंसाग्रस्त राज्य की स्थिति पर प्राथमिकता से विचार करना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि शायद मोहन भागवत के बयान के बाद अब पीएम मोदी मणिपुर का दौरा करें। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, अगर एक तिहाई प्रधानमंत्री की अंतरात्मा या मणिपुर के लोगों की बार-बार की मांग को नहीं गया है तो शायद भागवत पूर्व आरएसएस पदाधिकारी को मणिपुर जाने के लिए जारी कर सकते हैं। उन्होंने आगे लिखा, याद कीजिए 22 साल पहले वाजपेयी ने मोदी से राजधर्म निभाने को कहा था।

‘विपक्ष नहीं, भागवत की तो बात सुनें’

निर्दल सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, विपक्ष की सलाह पर ध्यान देना पीएम मोदी के डीएनए में नहीं है, लेकिन उन्हें आरएसएस प्रमुख के शब्दों पर ध्यान देना चाहिए। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि संघ प्रमुख ने मणिपुर हिंसा पर चिंता व्यक्त करने में बहुत देर कर दी। प्रधानमंत्री ने हर संकट पर चुप्पी साध रखी है, चाहे वह पूर्वोत्तर के राज्य में हिंसा हो, या दिल्ली में किसानों और महिला पहलवानों का विरोध प्रदर्शन हो।

गोगोई बोले- उम्मीद नहीं पीएम ध्यान देंगे

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, संघ प्रमुख भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता से विचार करने का सुझाव दिया है, लेकिन उम्मीद नहीं है कि पीएम उनके सुझाव पर ध्यान देंगे, बल्कि उसकी अनदेखी करेंगे। वह केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करेंगे और भारतीय संविधान को बदलने का प्रयास करेंगे। शुक्र है, लोगों ने अपनी ओर से बोलने और भारतीय संसद और संविधान की रक्षा के लिए इंडिया गठबंधन को चुना है।

सुप्रिया सुले ने बयान का स्वागत किया

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने भागवत के बयान का स्वागत करते हुए एक सर्वदलीय समिति को मणिपुर भेजने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, मैं उनके बयान का स्वागत करती हूं। मणिपुर भारत का अभिन्न हिस्सा है। और जब हम अपने लोगों को इतना कष्ट सहते हुए देखते हैं, तो यह हम सभी के लिए बेहद परेशान करने वाला होता है। यह ऐसी चीज है जिसकी हम मांग कर रहे हैं, इंडिया गठबंधन लंबे समय से मांग कर रहा है कि आइए चर्चा करें। सभी दलों को लेकर एक अच्छी कमेटी बनाएं। बंदूक से हर चीज का समाधान नहीं होता, आपको प्यार और करुणा और सहानुभूति की भी जरूरत है।

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