इंडिया रिपोर्टर लाइव

भोपाल। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस के संदिग्ध और संक्रमित व्यक्ति की मौत पर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर से जानकारी लेकर संबंधित संस्थान के अधीक्षक प्रमाणपत्र जारी करेंगे।
आईसीएमआर ने सोमवार को इसके लिए ‘गाइंडेंस फॉर एप्रोपिएट रिकार्डिंग ऑफ कोविड-19 रिलेटिड डेथ्स इन इंडिया’ के नाम से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कोरोना पॉजिटिव और कोरोना निगेटिव मरीज की मृत्यु के लिए अलग-अलग कोड दिए गए हैं।
इसके अलावा डॉक्टरों को मरीज के मृत्यु प्रमाणपत्र पर उसकी बीमारियों की जानकारी संक्षिप्त (शार्ट फार्म) में नहीं लिखने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों ने बताया कि भोपाल सहित पूरे प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीज की मौत होने पर डॉक्टर, मरीज की उपचार शीट पर उसकी मौत का कारण संक्षिप्त में लिखते हैं।
बता दें कि चिकित्सा विज्ञान में बीमारियों की एक जैसी कई शार्ट फार्म होती हैं। इससे कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध की मौत के कारणों को जानने में खामियां रह जाती हैं। इस व्यवस्था को बदलने और पूरे देश में कोरोना से होने वाली मौतों की ऑडिट कर रिकॉर्ड तैयार करने, प्रत्येक मरीज की मृत्यु पर एक तय फार्मेट में मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
आईसीएमआर ने दिशा-निर्देश जारी करने के साथ ही मृत्यु प्रमाणपत्र का फार्मेट भी जारी किया है। प्रमाणपत्र में सबसे पहले मरीज की मौत का कारण लिखा जाएगा। जबकि दूसरे भाग में उसे दिए जा रहे इलाज और उसकी भर्ती करने के समय की स्थिति के बारे में लिखा जाएगा।