इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 09 मई 2024। भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गनाइजेशन (एडब्ल्यूपीओ) शिखर सम्मेलन 2024 में शामिल हुए। नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में बुधवार को आयोजित सम्मेलन को उन्होंने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में प्रभावी रक्षा उद्योग प्ररिस्थितिकी तंत्र आकार ले रहा है। अनुभवी विशेषज्ञ स्वदेशी अनुसंधान और सुरक्षाबलों के सामने आने वाली तकनीकी चुनौतियों के समाधान के निर्माण के लिए उपयुक्त हैं। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य था कि उद्यम आवश्यकताओं, अनुभवी दक्षताओं और एडब्ल्यूपीओ की गतिविधियों के बीच अंतर को कम करने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक आम मंच पर लाया जा सके। जनरल पांडे ने कहा कि जब एक सैनिक सैन्य जीवन से विदाई लेता है तो उनकी राष्ट्र के प्रति सेवाएं समाप्त नहीं हो जाती हैं, बल्कि यह एक नए अध्याय की शुरुआत होती है, जिसमें वे समाज और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते हैं।
जनरल पांडे ने बताया कि सेना ने शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ प्रत्येक जवान की मुख्य योग्यता के अनुसार समग्र कौशल प्रमाणन की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने प्रोजेक्ट कौशलवीर जैसी पहलों के बारे में भी बताया। उन्होंने नारियों की भी प्रशंसा की और कहा कि वे अपने साथ अद्वितीय दृढ़ संकल्प लेकर आती हैं।
अप्रत्याशित घटनाओं के लिए हर समय तैयार रहना होगा
इससे पहले, तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में एक संबोधन के दौरान थल सेना अध्यक्ष ने कहा था कि भारतीय सेना को अप्रत्याशित घटनाओं के लिए हर समय तैयार रहना होगा और किसी भी हाल में विचलित नहीं होना होगा। उन्होंने कहा था कि अचानक होने वाली घटनाएं अधिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं क्योंकि इनके बारे में पहले से अनुमान लगाना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा था कि भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच आपसी तालमेल होना बेहद जरूरी है। इससे खतरों का प्रभावी ढंग से आकलन करने, रणनीतियों को स्पष्ट करने, क्षमताओं की पहचान करने और नीतियां बनाने में काफी मदद मिलती है।