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नई दिल्ली 29 मई 2024। भारत और सिंगापुर हरित अर्थव्यवस्था, डिजिटलीकरण, उर्जा, खाद्य सरक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए करीब आधा दर्जन महत्वकांक्षी समझौतों को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहा है। ताकि अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत किया जा सके। राजनयिक सूत्रों ने मंगवलार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) की अगली बैठक में समझौते को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। बैठक सितंबर-अक्तूबर के आसपास दक्षिण एशियाई देश में आयोजित होने वाली है। एक सूत्र ने कहा, दोनों पक्षों की मंशा है कि भारत में नई सरकार के गठन के पहले सौ दिनों के भीतर महत्वकांक्षी समझौतों पर आगे बढ़ा जाए।
द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए आईएसएमआर की पहली बैठक 17 सितंबर 2022 को दिल्ली में हुई थी। इस बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए प्रमुख क्षेत्रों के रूप में डिजिटल कनेक्टिविटी, फिनटेक, हरित अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन, कौशल विकास और खाद्य उत्पादकता की पहचान की गई थी। दोनों पक्ष सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोगी की संभावना भी देख रहे हैं। सिंगापुर नई दिल्ली का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार रहा है। आधिकारिक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2000 के बाद से भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी प्रवाह में सिंगापुर का योगदान करीब 23 फीसदी रहा है।
सिंगापुर भारत को विकास का एक महत्वपूर्ण इंजन मानता है और यह पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार बास्केट के विस्तार पर फोकस कर रहा है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि भारत और सिंगापुर अगले साल राजनयिक संबंधों के साठ साल पूरे होने का जश्न मनाएंगे और यह संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक अवसर हो सकता है। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के दस सदस्यीय समूह सिंगापुर को भारत दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार के तौर पर देख रहा है।