इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 08 जून 2024। 1998 में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाया गया था, तो उस समय देश में अल्पमत की गठबंधन सरकारों का दौर चल रहा था। दशकों से कोई भी सरकार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई थी। सितंबर 1999 में जब अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए के नेता और देश के प्रधानमंत्री थे, तब नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे युवा महासचिव थे। मोदी ने एनके सिंह को दिए एक साक्षात्कार में एनडीए को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि देश के राजनीतिक इतिहास में एनडीए सबसे सफल गठबंधन साबित होगा। नरेंद्र मोदी की यह भविष्यवाणी अब सच साबित हो रही है, क्योंकि देश में लगातार तीसरी बार एनडीए गठबंधन पू्र्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है। एनडीए ही देश में पहला गठबंधन था, जिसकी सरकार पूरे पांच साल तक चली। हालांकि, इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन ने भी 10 साल सरकार चलाई। लेकिन, बाद में यह गठबंधन भंग हो गया।
राष्ट्र प्रथम की भावना से बना एनडीए
नरेंद्र मोदी ने एनके सिंह को दिए साक्षात्कार में एनडीए को ब्रॉड स्पेक्ट्रम यानी व्यापक गठबंधन बताते हुए कहा था कि एनडीए किसी को हराने, किसी का रास्ता रोकने जैसी संकुचित सोच के साथ नहीं बनाया गया है, बल्कि एनडीए का मकसद राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश को स्थिर शासन देना है। असल में एनके सिंह ने सवाल पूछा था कि एनडीए में शामिल दलों वैचारिक स्तर पर अलग-अलग हैं, ऐसे में कहीं यह गठबंधन देश के लोगों से वोटों की ठगी के लिए तो नहीं बना है। इसका जवाब देते हुए मोदी ने कहा, यह वास्तव में एक प्रयोग है, जो भारतीय राजनीति के इतिहास में एक आदर्श उदाहरण के रूप में दर्ज किया जाएगा।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) एक इंद्रधनुष की तरह है, जहां सभी सात रंगों को एकसाथ देखा जा सकता है। यह इंद्रधनुष बना रहेगा और सूरज (अटल बिहारी वाजपेयी) की किरणों में और चमकेगा। दशकों पहले गठबंधन को लेकर नरेंद्र मोदी का यह नजरिया यह भी बताता है कि वे गठबंधन की सरकारों के कामकाज के तरीकों से वाकिफ हैं और असल में जब एनडीए बना था, तो भाजपा के महासचिव के तौर पर वे गठबंधन सरकार के कामकाज को करीब से देख समझ रहे थे।