इंडिया रिपोर्टर लाइव
ओटावा 28 अगस्त 2024। कनाडा में सैंकड़ों भारतीय छात्रों ने नई संघीय नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। दरअसल इस नीति के चलते कनाडा में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों पर निर्वासन का खतरा मंडरा रहा है और इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा। दरअसल कनाडा सरकार ने हाल ही में अपनी आव्रजन नीति में कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों के चलते 70 हजार से अधिक स्नातक छात्रों के भविष्य को अनिश्चितता में पड़ गया है।
कनाडा के विभिन्न प्रांतों में हो रहे प्रदर्शन
भारतीय छात्रों ने कनाडा के प्रिंस एडवर्ड आइलैंड प्रांत की विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसी तरह से प्रदर्शन ओंटारियो, मैनिटोबा और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांतों में भी हो चुके हैं। आव्रजन नीति में बदलाव के तहत कनाडा की सरकार स्थायी निवास के नामांकन की संख्या को 25 प्रतिशत तक कम करने की तैयारी कर रही है, साथ ही कनाडा में पढ़ाई के लिए मिलने वाले परमिट को भी कम किया जाएगा। गौरतलब है कि कनाडा में बीते कुछ वर्षों में जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इस जनसंख्या बढ़ोतरी में करीब 97 प्रतिशत अप्रवासी लोग शामिल हैं। यही वजह है कि कनाडा की सरकार देश में आने वाले अप्रवासियों की संख्या को सीमित करना चाहती है।
छात्रों को सता रही अपने भविष्य की चिंता
छात्रों के अधिकारों की आवाज उठाने वाले समूह नौजवान सपोर्ट नेटवर्क के प्रतिनिधियों का कहना है कि इस साल के अंत में जब छात्रों के वर्क परमिट समाप्त हो जाएंगे, तो उन्हें निर्वासित किया जा सकता है। छात्रों का कहना है कि उन्होंने कनाडा आने के लिए कई तरह के जोखिम उठाए हैं। वह यहां पढ़ाई करके काम कर रहे हैं और टैक्स दे रहे हैं, लेकिन अब उन पर निर्वासन की तलवार लटक रही है। कुछ छात्रों का कहना है कि उन्होंने कनाडा में स्थायी निवास प्राप्त करने के लिए अपने कॉलेज की ट्यूशन फीस में अपने परिवार की जीवन भर की बचत खर्च कर दी है।
विदेशी कर्मचारियों की संख्या भी कम करेगी कनाडा सरकार
कनाडा की जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर इन दिनों अस्थायी निवासियों की संख्या कम करने का भारी दबाव है। इसकी वजह ये है कि कनाडा में हाल के समय में मकान की कीमतें और बेरोजगारी दर बहुत ज्यादा बढ़ गई है। कनाडा में अगले साल चुनाव होने हैं और विभिन्न सर्वेक्षण में ट्रूडो सरकार पिछड़ रही है। यही वजह है कि सरकार ने आव्रजन नीति में बदलाव कर अस्थायी निवासियों की संख्या में कमी करने का दांव चला है। कनाडा सरकार अपने देश में विदेशी कर्मचारियों की संख्या भी कम कर रही है।
रोजगार और सामाजिक विकास कनाडा (ESDC) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में 183,820 अस्थायी विदेशी कर्मचारी परमिट दिए गए, जो 2019 की तुलना में 88 प्रतिशत ज्यादा हैं। नीति में बदलाव के तहत अब कनाडा उन क्षेत्रों में विदेशी कामगारों को परमिट नहीं दिए जाएंगे, जहां बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत या उससे ज्यादा है। हालांकि खेती, खाद्य प्रसंस्करण, निर्माण क्षेत्र और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों को विदेशी कामगारों की भर्ती में छूट मिलेगी। कनाडा की सरकार ने तीन वर्षों में अस्थायी निवासी आबादी को कनाडा की कुल आबादी के 5% तक कम करने के लिए और अधिक उपाय करने का भी वादा किया है। अंतरराष्ट्रीय सिख छात्र संगठन ने नीति में बदलाव की आलोचना करते हुए कहा कि मौजूदा रोजगार और आवास के मुद्दे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवास के बजाय व्यापक नीति विफलताओं में निहित हैं।