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नई दिल्ली 07 सितंबर 2024। भारत ने शुक्रवार को ओडिशा तट के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रक्षेपण सभी परिचालनात्मक और तकनीकी मापदंडों के आधार पर पूरी तरह से सफल रहा। सूत्रों ने बताया कि इसका संचालन सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किया गया। इस परीक्षण के दौरान अग्नि मिसाइल ने तय मानकों को पूरा किया। स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड ने कहा है कि यह एक रूटीन ट्रेनिंग लॉन्च थी। जिसमें सारे ऑपरेशनल पैरामीटर्स की फिर से जांच की गई है। भारत इस टेस्टिंग से बताना चाहता है कि वह अपने विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता को बनाए रखेगा। यह भारत के स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड की अग्नि मिसाइल सीरीज की चौथी खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइल है। यह अपने रेंज की दुनिया की अन्य मिसाइलों की तुलना में हल्की है।
अग्नि-4 मिसाइल DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर बनाया था। इसका वजन 17 हजार किलोग्राम है। इसकी लंबाई 66 फीट है। इसमें तीन तरह के हथियार ले जाए जा सकते हैं। जिनमें- पारंपरिक, थर्मोबेरिक और स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन शामिल हैं। अग्नि-4 की एक्टिव रेंज 3500 से 4000 किलोमीटर है। यह अधिकतम 900 किलोमीटर की ऊंचाई तक सीधी उड़ान भर सकती है। इसके सटीकता 100 मीटर है, यानी हमला करते समय यह 100 मीटर के दायरे में आने वाली सभी वस्तुओं को खाक कर देती है। यानी दुश्मन या टारगेट चाहकर भी ज्यादा दूर नहीं भाग सकता।
अग्नि-4 को लॉन्च करने के 8×8 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर या फिर रेल मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है। इसका नेविगेशन डिजिटली नियंत्रित किया जा सकता है। इसका एवियोनिक्स सिस्टम इतना भरोसेमंद है कि आप इसे दुश्मन की तरफ बेहद सटीकता से दाग सकते हैं। अग्नि-4 का पहला सफल परीक्षण 15 नवंबर 2011 में हुआ था। उसके बाद ताजा परीक्षण मिलाकर इसके कुल 8 परीक्षण हो चुके हैं। इसमें एक टन का हथियार लोड किया जा सकता है। यह मिसाइल 3000 डिग्री सेल्सियस का ताप