इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 22 अक्टूबर 2024। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा की प्रशंसा की है, जो वायनाड संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करने जा रही हैं। राहुल ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि “मेरी बहन प्रियंका से बेहतर प्रतिनिधि की मैं कल्पना नहीं कर सकता।” यह बयान उस समय आया है जब प्रियंका 23 अक्टूबर को वायनाड से चुनावी मैदान में उतरने जा रही हैं। राहुल ने अपने ट्वीट में वायनाड के लोगों के प्रति अपनी भावनाओं को साझा किया और कहा, “वायनाड के लोग मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रियंका वायनाड की जरूरतों की एक धुर समर्थक और संसद में एक शक्तिशाली आवाज साबित होंगी।” उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे प्रियंका के नामांकन के मौके पर उनके साथ जुड़ें और मिलकर यह सुनिश्चित करें कि वायनाड का प्रतिनिधित्व प्रेम से होता रहे। यदि प्रियंका इस चुनाव में जीत जाती हैं, तो यह उनके लिए संसद में पहली बार प्रवेश होगा। प्रियंका गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में कदम रखा था और तब से कांग्रेस के महासचिव की जिम्मेदारी निभा रही हैं। राहुल गांधी ने पहले वायनाड से चुनाव लड़ा था, जहां उन्होंने 2019 में जीत हासिल की थी। हाल ही में, कांग्रेस ने घोषणा की थी कि राहुल उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट पर रहेंगे और वायनाड सीट को प्रियंका के लिए छोड़ देंगे, जिससे वह अपने चुनावी करियर की शुरुआत कर सकें।
यह चुनाव कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर प्रियंका जीतती हैं, तो यह पहला मौका होगा जब गांधी परिवार के तीन सदस्य – सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी – एक साथ संसद में नजर आएंगे। प्रियंका की जीत कांग्रेस को न केवल एक नई आवाज प्रदान करेगी, बल्कि पार्टी को आगामी चुनावों में भी मजबूती देगी। वायनाड संसदीय सीट और 47 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।
राहुल गांधी की प्रियंका के प्रति यह समर्थन चुनावी माहौल में कांग्रेस के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, जो कि एक मजबूत और एकजुट नेतृत्व की आवश्यकता महसूस कर रही है। इस सब के बीच, प्रियंका गांधी का नामांकन कांग्रेस के भीतर उत्साह का माहौल बना रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में जनता का रुख क्या रहता है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बीच का यह स्नेह और समर्थन दर्शाता है कि परिवार के भीतर की एकता का चुनावी मैदान पर भी कितना प्रभाव पड़ सकता है।