
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 13 फरवरी 2025। केंद्र सरकार ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए लगभग 1,000 निगरानी हेलीकॉप्टर खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये हेलीकॉप्टर 5,500 मीटर की ऊंचाई तक और दिन-रात दोनों समय संचालन करने में सक्षम होंगे। यह जानकारी बुधवार को जारी किए गए सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) में दी गई है। आरएफआई में कहा गया है कि सरकार निगरानी हेलीकॉप्टरों को सहायक उपकरणों के साथ ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रमों के तहत खरीदने की योजना बना रही है। इसमें कहा गया है कि डीएपी-2020 के अध्याय-II के प्रावधानों के अनुसार, परियोजना के लिए पसंदीदा वर्गीकरण विक्रेताओं द्वारा उचित औचित्य के साथ इंगित किया जा सकता है।
सभी प्रकार के इलाकों में ऑपरेट करने के लिए डिजाइन होंगे हेलीकॉप्टर
आरएफआई दस्तावेज के अनुसार, रक्षा मंत्रालय इन हेलीकॉप्टरों के लिए भारतीय विक्रेताओं को शामिल करने की कोशिश कर रहा है। हेलीकॉप्टरों को देश के सभी प्रकार के इलाकों में, सामान्य मौसम की स्थिति में दिन-रात ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया जाएगा।
निगरानी हेलीकॉप्टर का डिजाइन मॉड्यूलर होना चाहिए
आरएफआई में कहा गया है कि निगरानी हेलीकॉप्टर (उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र) का डिजाइन मॉड्यूलर होना चाहिए, जिससे भविष्य में सरल संशोधनों के माध्यम से इसे अपग्रेड किया जा सके, जिससे डिजाइन या संरचनात्मक परिवर्तन न हो। इसे किसी भी प्रणाली/उप-प्रणाली के प्रदर्शन को प्रभावित किए बिना एकीकरण और स्थापना की सुविधा भी मिलनी चाहिए।
50 भारी क्रॉलर रॉक ड्रिल खरीदने की योजना भी बना रही सेना
इसके अलावा, भारतीय सेना 50 ‘भारी क्रॉलर रॉक ड्रिल’ खरीदने की भी योजना बना रही है, जिसके लिए भी सरकार ने बुधवार को मसौदा आरएफआई जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ‘आरएफआई का उद्देश्य डीएपी 2020 के अध्याय II के पैराग्राफ 2 से 4 के अनुसार लक्ष्य और उद्देश्यों को प्राप्त करना है।’
आरएफआई दस्तावेज के अनुसार, उत्तरी, पूर्वी और मध्य कमान में भारतीय सेना की तैनाती में सबसे कठिन और खतरनाक इलाकों के साथ दुर्गम क्षेत्र शामिल हैं। इसमें कहा गया, ‘इन क्षेत्रों में कम से कम समय में टिकाऊ बुनियादी ढांचे का निर्माण एक अपरिहार्य परिचालन आवश्यक है। संचार की उपयुक्त लाइनों (एलऑफसी) का त्वरित विकास इस पहलू का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।’
कठिन चट्टानों में ड्रिलिंग के लिए किया जाएगा रॉक ड्रिल का उपयोग
आरएफआई में कहा गया है कि एक ऑन-बोर्ड कंप्रेसर के साथ एक स्व-चालित भारी ड्यूटी क्रॉलर-आधारित रॉक ड्रिल का उपयोग कठिन चट्टानों में ड्रिलिंग के लिए किया जाएगा, जिससे सड़क निर्माण में मदद मिलेगी। इसमें कहा गया, ‘इसका उपयोग खदान संचालन और पहाड़ों में चार्जिंग और ब्लास्टिंग के लिए बेंच होल, टो होल ड्रिल करके प्रारंभिक सड़क निर्माण काटने के लिए किया जाएगा’