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केवड़िया 17 जनवरी 2021। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज को गुजरात के केवडिया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को जोड़ने वाली आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे। ये ट्रेनें केवड़िया (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) से वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर को जोड़ेंगी। देशवासियों को संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि केवड़िया की पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले सरदार पटेल से होती है।
यहां पढ़ें प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें-
पीएम मोदी ने कहा- पर्यटकों को घुमाने के लिए एकता क्रूज है, तो दूसरी तरफ नौजवानों को साहस दिखाने के लिए राफ्टिंग का भी इंतेजाम है। यानी बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी के लिए बहुत कुछ है।
उन्होंने कहा- एक तरफ आयुर्वेद और योग पर आधारित आरोग्य वन है, तो दूसरी तरफ पोषण पार्क है। रात में जगमगाता ग्लो गार्डन है, तो दिन में देखने के लिए कैक्टस गार्डन और बटरफ्लाई गार्डन है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटा सा खूबसूरत केवड़िया इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे प्लान तरीके से पर्यावरण की रक्षा करते हुए इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों का तेजी से विकास किया जा सकता है।
पीएम मोदी ने कहा- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और सरदार सरोवर बांध की भव्यता और विशालता का एहसास आप केवडिया पहुंचकर ही कर सकते हैं। अब यहां सैकड़ों एकड़ में फैला जूलॉजिकल पार्क है, जंगल सफारी है।
पीएम मोदी ने कहा- आज का ये आयोजन सही मायने में भारत को एक करती, भारतीय रेल के विजन और सरदार वल्लभ भाई पटेल के मिशन दोनों को परिभाषित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि केवड़िया जगह भी ऐसी है जिसकी पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले, देश का एकीकरण करने वाले सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर बांध से है।
पीएम मोदी ने कहा- रेलवे के इतिहास में संभवतः पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब एक साथ देश के अलग अलग कोने से एक ही जगह के लिए इतनी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई हो।
प्रधानमंत्री ने यहां कहा कि एक भारत – श्रेष्ठ भारत की बहुत सुंदर तस्वीर आज यहां दिख रही है। आज इस कार्यक्रम का रूप स्वरूप बहुत विशाल है, अपने आप में ऐतिहासिक है।
कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने केवड़िया रेलवे स्टेशन की कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राड गेज लाइन और दभोई, चंदोद और केवडिया के रेलवे स्टेशन के नए भवनों का भी उद्घाटन करेंगे। पीएमओ ने कहा है कि इन रेलवे स्टेशन की इमारतों को स्थानीय विशेषताओं को शामिल करते हुए खूबसूरत ढंग से डिजाइन किया गया है, साथ ही यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं को भी उपलब्ध कराया गया है। ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन वाला केवडिया देश का पहला रेलवे स्टेशन है। प्रधानमंत्री जिन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे, वो केवडिया को वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से जोड़ेंगी।
ये 8 ट्रेनें शुरू की गईं
ट्रेन | कहां से कहां तक | रवाना/पहुंचेगी | कितने दिन चलेगी |
वाराणसी-केवडिया एक्सप्रेस | वाराणसी से केवडिया | सुबह 11.12 बजे/अगली दोपहर 2.57 बजे | हर रविवार |
दादर-केवडिया एक्सप्रेस | दादर से केवडिया | सुबर 11.12बजे/शाम 6.42 बजे | हर रविवार |
अहमदाबाद-केवडिया जनशताब्दी | अहमदाबाद से केवडिया | सुबह 7.55/सुबह 10.40 बजे | हर दिन |
निजामुद्दीन-केवडिया | निजामुद्दीन (दिल्ली) से केवडिया | सुबह 11.12 बजे/रात 1.07 बजे | हर रविवार |
रीवा-केवडिया एक्सप्रेस | रीवा से केवडिया | सुबह 11.12 बजे/अगली सुबह 9.25 बजे | हर रविवार |
चेन्नई-केवडिया एक्सप्रेस | चेन्नई से केवडिया | सुबह 11.12 बजे/अगली शाम 6.10 बजे | हर रविवार |
प्रतापनगर-केवडिया मेमू | प्रतापनगर से केवडिया | दोपहर 3.35 बजे/शाम 5 बजे | हर दिन |
केवडिया-प्रतापनगर मेमू | केवडिया से प्रतापनगर | रात 9.55 बजे/रात 11.20 बजे | हर दिन |
ये हैं ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की खासियतें –
यह प्रतिमा दुनिया में सबसे उूंची है, जिसकी उूंचाई 597 फीट है। यह प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके और 220 किमी की स्पीड के तूफान का भी सामना कर सकती है।
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सरदार पटेल की इस प्रतिमा के निर्माण में 85% तांबे का उपयोग किया गया था। जिसकी वजह से सैकड़ों साल तक इमसें जंग नहीं लग सकती। 2000 टन कांसे का भी उपयोग हुआ है।
12KM इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी
इसे बनवाने में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर कन्क्रीट लगा था। 6 हजार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हजार 500 टन सरियों का इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं, यह 12 किमी इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी है।
गैलरी में एक साथ 200 लोग खड़े रह सकते हैं
इस प्रतिमा की गैलरी में खड़े होकर एक बार में 40 लोग सरदार सरोवर डैम, विंध्य पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। इसके भीतर जो दो हाई-स्पीड लिफ्ट लगाई गई हैं, वे पर्यटकों को सरदार पटेल की मूर्ति के सीने के हिस्से में बनी व्यूइंग गैलरी तक ले जाती हैं। इस गैलरी में एक साथ 200 लोग खड़े रह सकते हैं।
33 महीनों में तैयार की गई
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 33 महीनों में तैयार की गई, जो एक रिकॉर्ड है। जबकि, चीन के स्प्रिंग टेंपल में बुद्ध की प्रतिमा के निर्माण में 11 साल लगे थे। इस प्रतिमा ने बुद्ध की प्रतिमा का रिकॉर्ड भी ब्रेक कर दिया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की डिजाइन में इस बात का भी खास ध्यान रखा गया कि सरदार पटेल के हावभाव उसमें हू-ब-हू नजर आएं। इसके लिए पटेल की 2000 से ज्यादा फोटो पर रिसर्च की गई।
लागत 2989 करोड़ रुपए आई
इस प्रतिमा की लागत 2989 करोड़ रुपए आई थी। इस मूर्ति में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कन्क्रीट इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा इसके लिए देशभर से लोहा मंगवाया गया था। किसानों ने भी धातु दी थीं।