इंडिया रिपोर्टर लाइव
श्रीनगर 03 जून 2024। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि रंजन स्वैन के अनुसार नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार स्थित ‘लॉन्च पैड’ पर ‘सक्रिय’ लगभग 60 से 70 आतंकवादी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं। इसके साथ ही स्वैन ने कहा कि घटती क्षमता के बावजूद पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में लोगों और सामग्री को भेजने से बाज नहीं आ रहा है। सीमावर्ती इलाकों में मौजूदा सुरक्षा हालात के समग्र आकलन से अवगत कराने के साथ ड्रोन के जरिये हथियार समेत अन्य सामग्री गिराए जाने की चुनौतियों का जिक्र करते हुए स्वैन ने कहा कि भारतीय सुरक्षाकर्मियों की दृढ़ प्रतिबद्धिता के कारण दुश्मन का सफल होना बहुत मुश्किल है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और अपराध जांच विभाग (सीआईडी) का दोहरा कार्यभार संभाल रहे स्वैन ने मीडिया को दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमारे सुरक्षा साझेदारों के साथ बैठकों में हम आम तौर पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह एक तथ्य है कि प्रतिद्वंद्वी या दुश्मन ने लोगों और सामग्री को भेजने पर रोक नहीं लगाई है।”
उन्होंने क्षेत्र में पश्चिमी पड़ोसी देश से आए विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी का भी जिक्र किया। इन प्रयासों का मुकाबला करने में कुछ सफलता मिलने की बात को स्वीकार करते हुए स्वैन ने कहा कि खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘क्षेत्र को अस्थिर करने की दुश्मन की क्षमता’ को और कम करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि दुश्मन का इरादा वही है, क्षमता निश्चित रूप से कम हुई है, लेकिन कभी-कभार व्यवस्था को झकझोरने और आपको अस्थिर करने की क्षमता उसमें अब भी मौजूद है।”
स्वैन ने कहा कि किसी एक समय पर संभवत: पाएंगे कि अलग-अलग स्थानों पर पांच या छह के समूहों में लगभग 60-70 लोग हमारी तरफ भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं। सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच तालमेल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं कि हम दुश्मन की सफलता को मुश्किल बना देंगे।”
ड्रोन गिराए जाने के मुद्दे पर स्वैन ने कहा कि ये गतिविधियां एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश करती हैं क्योंकि ये हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, नकदी और मादक पदार्थों की तस्करी को सुगम बनाती हैं। उन्होंने कहा कि इस खतरे का मुकाबला करने में प्रगति हुई है फिर भी इन गतिविधियों को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है।