इंडिया रिपोर्टर लाइव
रायपुर 26 अगस्त 2022। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बीजेपी के प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. रायपुर पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हुड़दंग करने वालों पर एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है. पुलिस की मानें तो प्रदर्शन में कुछ कार्यकर्ताओं ने न केवल बैनर पोस्टर फाड़े, बल्कि पुलिस के साथ मारपीट भी की. इसी को आधार बनाकर पुलिस ने प्रदर्शन के दिन ही 20 लोगों पर एफ आई आर दर्ज की थी. जिसके बाद अब यह संख्या बढ़ रही है. प्रदर्शन के दूसरे दिन पुलिस ने कई और लोगों पर भी एफआईआर दर्ज की, जिसमें शासकीय कार्य में बाधा के साथ मारपीट तोड़फोड़ करने जैसी कई धाराओं पर एफआईआर दर्ज हुई है.
पीसीसी मतलब पुलिस कांग्रेस कमिटी -बीजेपी
राजधानी में बीजेपी के प्रदर्शन ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. प्रदर्शन को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोपों का दौर शुरू हो चुका है. एक तरफ बीजेपी ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें कांग्रेस पार्टी का अंग बताया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं पर पुलिस पर हमला करने का गंभीर आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता अनुराग सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीसीसी का मतलब पुलिस कांग्रेस कमेटी कहा है. उन्होंने प्रदेश पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा की यह निष्पक्ष नहीं है. लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित आन्दोलन में शामिल हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज करके पुलिस ने दमनकारी कदम उठाया है. प्रदेश की पुलिस अपराध पर अंकुश लगाने में असफल हो चुकीं है. अब तो लगने लगा है कि पुलिस हेडक्वाटर कांग्रेस भवन हो गया है. पीसीसी का मतलब ही प्रदेश पुलिस कमेटी हो गया है. इसका हम सही समय पर करारा जबाव देंगे.
रमन सिंह के संरक्षण में बीजेपी नेताओं ने पुलिस पर किया हमला- कांग्रेस
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस भी कहां चुप बैठने वाली थी. कांग्रेस ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बीजेपी नेताओं पर पुलिस के साथ मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर की माने तो बीजेपी के नेताओं ने युवाओं को भड़काया है. धनंजय ने कहा कि जब टारगेट की भीड़ इकट्ठी नही हो पाई तो उपस्थित युवाओं को बीजेपी नेता भड़का रहे थे. बीजेपी के नेता पुलिस से गाली गलौच कर बल प्रयोग करने उकसा रहे थे. ठाकुर ने कहा कि बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं नेताओं के संरक्षण में बीजेपी नेताओं ने सुरक्षा में लगे पुलिस के जवान, महिलाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार मारपीट, गाली गलौज की और सरकारी संपत्तियों को क्षति पहुंचाई. बीजेपी छत्तीसगढ़ में मुद्दाविहीन हो चुकी है, जनसमर्थन खो चुकी है. बीजेपी ने 1 लाख लोगों के साथ आंदोलन करने का दावा किया था लेकिन छत्तीसगढ़ के युवा बीजेपी के आंदोलन में शामिल नहीं हुए.
छत्तीसगढ़ में हिंसा और दंगा करवाना चाहती है बीजेपी- कांग्रेस
बीजेपी के दावों की पोल खुल गई और आंदोलन असफल हो गया इससे भयभीत बीजेपी के षड्यंत्रकारी नेताओं ने आंदोलन में शामिल युवाओं को उकसा कर सरकारी संपत्तियों पर तोड़फोड़ करवाई महिला पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करवाये और सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों के ऊपर प्राणघातक हमला करवाएं ताकि छत्तीसगढ़ में दंगा हो हिंसा हो सके. बीजेपी आंदोलन की आड़ में हिंसा करना चाह रही थी. छत्तीसगढ़ की शांत धरा को अशांत करने का षड्यत्र कर रही थी इसे समझ में आता है कि बीजेपी आंदोलन नहीं बल्कि दंगा करने की नियत से भीड़ को इकट्ठा करना चाहती थी. इसके पहले भी पूर्व मंत्री बीजेपी प्रवक्ता राजेश मूणत ने एक आंदोलन के दौरान पुलिस कर्मियों के साथ गाली गलौज किया था, धक्का-मुक्की की थी. बीजेपी का चरित्र ही गुंडा गर्दी करना और अमर्यादित बयानबाजी करना भय फैलाना है.