
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 30 अप्रैल 2025। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सियासत शुरू हो गई है। पर्यटकों को धर्म पूछकर गोली मारने को लेकर विधायकों के सवाल उठाने पर कांग्रेस घिर गई है। जिसके बाद अब कांग्रेस ने मंगलवार को अपने नेताओं को पहलगाम आतंकी हमले पर पार्टी की आधिकारिक रुख से इतर बयानबाजी करने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, महासचिवों, प्रभारियों, सांसदों, विधायकों/विधान परिषद सदस्यों, विभिन्न विभागों और संगठनों के प्रमुखों को लिखे पत्र में सार्वजनिक संचार में अत्यंत अनुशासन और एकरूपता बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम घटना पर अनुचित बयान देने से बचें। यह पत्र कुछ कांग्रेस नेताओं के विवादास्पद बयानों के बाद आया है, जिनके कारण भाजपा ने कांग्रेस पर आतंकवादियों की ओर से बोलने का आरोप लगाकर हमला बोला। वेणुगोपाल ने पत्र में कहा कि कांग्रेस पहलगाम के आतंकी हमले से गहरी पीड़ा में है और इस दुख की घड़ी में राष्ट्र के साथ अटूट एकजुटता के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, इस महत्वपूर्ण समय में, जब हमारी सामूहिक संकल्प शक्ति की परीक्षा हो रही है, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को एकता, परिपक्वता और जिम्मेदारी का प्रतीक बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने 24 अप्रैल को एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया, जिसमें पहलगाम हमले पर पार्टी का स्पष्ट और सुविचारित रुख सामने रखा गया। इस प्रस्ताव को इस मामले पर पार्टी के रुख की सभी सार्वजनिक अभिव्यक्तियों के लिए एकमात्र आधार के रूप में माना जाना चाहिए। ऐसे में यह निर्देश दिया जाता है कि सभी टिप्पणियां, वक्तव्य वह चाहे पार्टी नेताओं, प्रवक्ताओं, मीडिया पैनलिस्टों या कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के आधिकारिक हैंडल द्वारा हों – सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
वेणुगोपाल ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को सार्वजनिक संवाद में अत्यंत अनुशासन और निरंतरता बनाए रखने का निर्देश दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से बोलने के लिए अधिकृत लोगों को प्रस्ताव में कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा बताई गई स्थिति तक ही सीमित रहना चाहिए। अपने नेताओं को सख्त चेतावनी देते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि इस निर्देश का उल्लंघन करने पर बिना किसी अपवाद के सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पहलगाम हमले को लेकर जयराम रमेश ने भी दी थी हिदायत
इससे पहले, कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने भी अपने नेताओं को हिदायत दी थी। उन्होंने कहा था कि कुछ कांग्रेस नेता मीडिया से बात कर रहे हैं जो कांग्रेस के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। जयराम रमेश ने एक पोस्ट में लिखा, इस संवेदनशील समय में इस बात पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस कार्यसमिति का प्रस्ताव, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान और अधिकृत एआईसीसी पदाधिकारियों के विचार ही कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं।
कांग्रेस नेताओं के विवादित बयानों से घिरी कांग्रेस
इससे पहले कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं के बेतुके बयानों की वजह से भाजपा के निशाने पर है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के ‘पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध नहीं…’ वाली टिप्पणी के बाद कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आतंकी हमलों पर विवादास्पद बयान दिया। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को पीड़ितों के बयान पर सवाल उठाया। पीड़ितों ने कहा था कि आतंकवादियों ने गोलीबारी करने से पहले उनसे उनका धर्म पूछा था। कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार को पहलगाम आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वे कह रहे हैं कि आतंकवादियों ने लोगों से उनके धर्म के बारे में पूछकर उन्हें मार डाला। क्या आतंकवादियों के पास यह सब करने का समय है? कुछ लोग कहते हैं कि ऐसा नहीं हुआ। आतंकवादियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता। जिम्मेदार लोगों की पहचान करें और उचित कार्रवाई करें। यह देश की भावना है।
इससे पहले कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा। उन्होंने कहा था, ‘जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। व्यावहारिक रूप से सोचें। वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा।’