
एसईसीएल सहित पुरे कोल इंडिया में ऐतिहासिक हड़ताल की तैयारी
कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन कंपनी है यह निजी मालिको के हाथो में चला गया तो कोल इंडिया बर्बाद हो जायेगा

बिलासपुर 18 जून। केंद्रीय श्रम संगठनों एटक, एचएमएस, बीएमएस, सीटू एवं इंटक यूनियन के आह्वान पर 2 जुलाई से 4 जुलाई तक कोल इंडिया में तीन दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है। इसी कड़ी में दिनांक 18-06-2020 को एसईसीएल में संचालित पांचो यूनियन एटक के महामंत्री काo हरिद्वार सिंह, एचएमएस के केन्द्रीय अध्यक्ष रेशम लाल यादव, बीएमएस एसईसीएल के प्रभारी महेंद्र प्रताप सिंह, सीटू के महामंत्री काo जे.एस.सोढ़ी, इंटक के महामंत्री पीoकेoराय की उपस्थिति में सचिव, कोल मंत्रालय, भारत सरकार को संबोधित हड़ताल नोटिस महाप्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन), एसईसीएल बिलासपुर को सौपा गया| इस दौरान पांचो संगठनो के कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे और सोशल डिस्टेनसिंग का पालन किया गया | हड़ताल नोटिस में निम्नलिखित मांगे है –
प्रमुख मांगे –
1) कोयला उद्योग में वाणिज्यिक खनन का निर्णय वापस लिया जाये |
2) CIL या SCCL को कमजोर या निजीकरण करने की दिशा में सभी कदम रोकें।
3) CIL से CMPDIL को अलग करने के निर्णय को वापस लिया जाये |
4) CIL और SCCL (CIL परिपत्र संख्या: CIL / C-5B / JBCCI / HPC / 566 दिनांक: 18-02-2013) में अनुबंधित श्रमिकों को HPC / CIL बढ़ाया मजदूरी लागू करें।
5) राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते के खंड 9.3.0 / 9.4.0 / 9.5.0 और सीआईएल एपेक्स जेसीसी की बैठकों के दौरान उठाए गए अन्य मुद्दे के कार्यान्वयन।
यूनियन के शीर्ष नेताओं ने बताया है कि 11 जुलाई को भारत सरकार द्वारा कोल ब्लॉक का आबंटन किया जाना था लेकिन श्रम संगठनो के विरोध के कारण किसी ने भी आबंटन में हिस्सा नहीं लिया | इसीलिए भारत सरकार द्वारा पुनः कोल ब्लॉक के लिए 18 जुलाई का दिन तय किया गया है जिसमे इस बार प्रधान्मंत्री मौजूद रहेंगे |
एटक, एचएमएस, बीएमएस, इंटक, सीटू यूनियन के शीर्ष नेताओं ने कहा है कि कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी है ऐसे में यदि यह निजी मालिको के हाथो में चला गया तो कोल इंडिया बर्बाद हो जायेगा इसीलिए इस बार कोयला मजदूर कमर कस के मैदान में है| अधिकारियो के ऑफिसर एसोसिएशन ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है | इसलिए यह हड़ताल पिछले हड़तालो से भी बड़ी हड़ताल होगी, पुरे कोल इंडिया में ऐतिहासिक हड़ताल होगी | कोरोना काल में भी कोयला मजदूरों ने लगातार कार्य किया है और बिना विराम के देश को ऊर्जा दिया है | साथ ही साथ कोल इंडिया के सभी अनुसंगी कंपनियों के कोयला मजदूरों के द्वारा कोरोना महामारी में देश को बड़ा आर्थिक मदद किया गया है | यदि सरकार पीछे नहीं हटी तो तीन दिन ही नहीं बल्कि कोल इंडिया में अनिश्चित कालीन हड़ताल होगी और पूरा देश अन्धेरे में ठप्प हो जायेगा | इसलिए व्यापारी भाइयो से, किसानो से, मजदूरों से, छात्रो से महिलाओ से, सभी तबको से श्रमिक संगठनो ने अपील किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र को बचाने के लिए वो आगे आये और एक मज़बूत विरोध सरकार के समक्ष दर्ज कराये, जिससे की कोल इंडिया को बचाया जा सके |
संयुक्त ट्रेड यूनियन ने सौपा हड़ताल का नोटिस

