इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 06 अप्रैल 2022। केंद्र सरकार में सीएसएस यानी ‘केंद्रीय सचिवालय सेवा’ के अधिकारियों का धैर्य अब जवाब देता हुआ दिखाई पड़ रहा है। अगर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ‘डीओपीटी’ ने इन अधिकारियों की मांग पर गौर नहीं किया, तो सैंकड़ों सीएसएस अधिकारी, नॉर्थ ब्लॉक में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के कार्यालय पर ‘हल्लाबोल’ करेंगे। चार अप्रैल को आकाशवाणी भवन के निकट एक स्थान पर हुई सीएसएस फोरम के पदाधिकारियों की बैठक में डीओपीटी को चेताया गया है कि जल्द से जल्द केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारियों के नियमित पदोन्नति के आदेश जारी किए जाएं। यदि ऐसा नहीं होता है तो सीएसएस अधिकारी सप्ताह में एक दिन, मंत्री के कार्यालय पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। पदोन्नति न देने की स्थिति में दो सप्ताह बाद सीएसएस के सैकड़ों अधिकारी, डीओपीटी विभाग के मंत्री के कार्यालय के बाहर बैठ जाएंगे। इसके चलते अगर केंद्रीय मंत्रालयों में कामकाज ठप होता है तो उसकी ज़िम्मेदार, केंद्र सरकार स्वयं होगी।
सीएसएस अफसरों को छह साल से नियमित प्रमोशन नहीं
सीएसएस फोरम के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें छह साल से नियमित पदोन्नति नहीं दी जा रही है। इससे अधिकारियों की करियर ग्रोथ थम गई है। अनेक अधिकारी ऐसे भी रहे हैं, जो बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो गए। सरकार कभी तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देती है, तो कभी कानूनी सलाह के लिए अटॉर्नी जनरल से संपर्क करने की बात कहती है। हालांकि ये सब लंबे समय से चल रहा है। इस बाबत मंत्री को कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है। हर बार केवल आश्वासन मिलता है और उसके बाद मामले को दोबारा से ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। केंद्र सरकार में ‘सीएसएस’ को नौकरशाही की रीढ़ माना जाता है।
25 फरवरी को नॉर्थ ब्लॉक पहुंचे थे सैकड़ों अधिकारी
25 फरवरी को सैकड़ों सीएसएस अधिकारी, नॉर्थ ब्लाक में डॉ. जितेंद्र सिंह के कार्यालय पर पहुंच गए थे। इतने सारे अधिकारियों को एक साथ देखकर आला अधिकारी हैरान रह गए। नॉर्थ ब्लाक में सीएसएस अधिकारियों की वह गूंज केंद्र सरकार के शीर्ष केंद्र, साउथ ब्लॉक तक सुनी गई। राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के आश्वासन के बाद भी चालीस दिन बीत चुके हैं। डीओपीटी द्वारा अभी तक कोई भी नियमित पदोन्नति आदेश जारी नहीं किया गया। सीएसएस अधिकारियों ने बैठक में कहा, वे डीओपीटी की अनदेखी एवं निष्क्रियता से दुखी और निराश हैं। जब सैकड़ों अधिकारी मंत्री के कार्यालय के बाहर पहुंचे थे तो कार्मिक मंत्री के निजी सचिव ने कहा था कि सचिवालय अधिकारियों की मांग पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी। 10 मार्च तक नियमित पदोन्नति के साथ ही उनकी दूसरी जायज मांगों पर भी सकारात्मक निर्णय लेंगे।
हर सप्ताह मंत्री के कार्यालय पर पहुंचेंगे सीएसएस अधिकारी
सीएसएस फोरम की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब से सीएसएस अधिकारी सप्ताह में एक बार अपनी सेवा के मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए कार्मिक मंत्री के कार्यालय जाएंगे। यदि दो सप्ताह के भीतर उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो उन्हें मंत्री कार्यालय के सामने बैठने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे पहले भी लगभग 1500 सीएसएस अधिकारी, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के कार्यालय के बाहर असंतोष जाहिर कर चुके हैं। पदोन्नति न होने के कारण सीएसएस अधिकारियों का मनोबल टूट गया है। अधिकारी, सोशल मीडिया पर भी अपनी आवाज उठा रहे हैं। सरकार उन्हें तदर्थ पदोन्नति देकर शांत बैठाना चाहती है। सीएसएस फोरम के मुताबिक, अब वे चुप नहीं बैठेंगे। नियमित पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होने तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।