
इंडिया रिपोर्टर लाइव
किश्तवाड़ 02 जनवरी 2024। किश्तवाड़ के जिन 23 आतंकियों को भगोड़ा घोषित किया गया है वह सब पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में हथियारों का प्रशिक्षण लेने के लिए दो दशक पहले (1998-99 में) सीमा पार गए थे। कुछ आतंकी 2010 में भी हथियारों का प्रशिक्षण लेने के लिए पाकिस्तान गए थे। बाद में वे वहीं रह गए और वहीं से पूरे किश्तवाड़ तथा पीर पंजाल इलाके में आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। उधमपुर में हुए दो हमलों में भी पाकिस्तान में बैठे किश्तवाड़ के आतंकी का नाम सामने आ चुका है।
सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद के दौर में किश्तवाड़ काफी प्रभावित था। खासकर छात्रू का इलाका जो अनंतनाग से जुड़ता है। पूरे जिले में 335 आतंकी थे। इनमें से विभिन्न ऑपरेशन में 299 दहशतगर्दों का सफाया कर दिया गया। कुल 36 आतंकी सीमा पार हथियारों की ट्रेनिंग के लिए चले गए। वहां प्रशिक्षण लेने के बाद वह पीओजेके में ही रहकर अपनी गतिविधियां चलाने लगे। इनमें ज्यादातर आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे। पीओजेके में सक्रिय 12 आतंकियों की संपत्ति की शिनाख्त कर ली गई है।कोर्ट से आदेश लेकर इन आतंकियों की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी।
पहले जो 13 आतंकी भगोड़ा घोषित किए जा चुके हैं उनमें से कुछ की संपत्तियां कुर्क भी कर ली गई हैं। यह कार्रवाई आतंकियों के परिवार वालों की मौजूदगी में की गई है। किश्तवाड़ पुलिस का कहना है कि पीओजेके में रहकर यहां गतिविधियां चलाने की किसी को इजाजत नहीं दी जा सकती है।