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बिलासपुर 01 अक्टूबर 2020। अनुसूचित जाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम अंतर्गत गठित जिला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक आज कलेक्टर डाॅ.सारांश मित्तर की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में सामुदायिक वन संसाधन दावा के 17 प्रकरणों का अनुमोदन किया गया। गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को 17 ग्राम पंचायतों को सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण, संवर्धन और इसके पुनर्जीवन के हक के साथ-साथ जवाबदारी भी मिलेगी।
मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कोटा अनुभाग अंतर्गत 4648.034 हेक्टेयर रकबे पर सामुदायिक वन संसाधन दावों के 14 प्रकरणों की स्वीकृति हेतु अनुमोदन किया गया। इसी तरह अनुभाग बिलासपुर अंतर्गत 684.039 हेक्टेयर रकबे पर सामुदायिक वन संसाधन दावों के 3 प्रकरणों की स्वीकृति हेतु अनुमोदन समिति ने किया। इस प्रकार कुल 5 हजार 332 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि में वन संसाधन विकसित करने के लिये ग्राम पंचायतों को अधिकार मिलेगा। साथ ही वनों के संरक्षण और संवर्धन की जवाबदारी भी उन्हें दी जाएगी। डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि जिले में पहली बार सामुदायिक वन संसाधन दावे स्वीकृत किये जा रहे हैं। पूर्व में ग्राम सभा द्वारा परंपरागत रूप से अपने ग्राम पंचायत के अधीन वन संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन किया जाता था। अब यह उनका अधिकार होगा। वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों का शिकार एवं अवैध पेड़ कटाई रोकने की जवाबदारी भी संबंधित ग्राम पंचायत की होगी।
जिले के कोटा अनुभाग अंतर्गत ग्राम पंचायत कोनचरा, नवागांव सोन, बिटकुली, सल्का, लिटिया, मिट्ठू नवागांव, सक्तीबहरा, नागचुवा, मझगांव, बारीडीह, चपोरा, छतौना, परसापानी और सेमरिया तथा बिलासपुर अनुभाग अंतर्गत ग्राम पंचायत धौरामुड़ा, बिटकुली और लिमहा में सामुदायिक वन संसाधनों दावों की स्वीकृति का अनुमोदन किया गया।
बैठक में डीएफओ बिलासपुर वनमंडल कुमार निशांत, अतिरिक्त कलेक्टर बी.एस.उईके, मनोज केसरिया, एसडीएम देवेन्द्र पटेल सहित जिला पंचायत सदस्य श्रीमती मनीता कुमारी भानु, आनंद सिंह मरावी, राहुल सोनवानी, आदि उपस्थित थे।